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बड़ा पैकेज: CFO को LIC में चेयरमैन से ज्यादा मिलेगी सैलरी, सालाना 75 लाख से 1 करोड़ होगी सैलरी

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) सीएफओ को चेयरमैन से ज्यादा सैलरी देगी। सीएफओ को सालाना 75 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच वेतन मिलेगा। जबकि चेयरमैन को सालाना 35 लाख रुपये वेतन मिलता है।

Ishika Jain

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) सीएफओ को चेयरमैन से ज्यादा सैलरी देगी। सीएफओ को सालाना 75 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच वेतन मिलेगा। जबकि चेयरमैन को सालाना 35 लाख रुपये वेतन मिलता है।

हाल ही में CFO के पद के लिए मंगाये गए थे आवेदन

एलआईसी ने हाल ही में सीएफओ पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 12 अक्टूबर थी। सीएफओ को सालाना 75 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच वेतन दिया जाएगा। यानी यह चेयरमैन एम.आर. कुमार से दो गुना ज्यादा है। एलआईसी में चेयरमैन का वेतन फिलहाल 35 लाख रुपये सालाना है।

आईपीओ से पहले सीएफओ नियुक्त करने की प्रक्रिया

एलआईसी आईपीओ से पहले सीएफओ नियुक्त करने की प्रक्रिया में है। हाल ही में एक विज्ञापन जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा कि सीएफओ के पद के लिए 12 अक्टूबर तक आवेदन आमंत्रित किया गया था। सीएफओ की नियुक्ति तीन साल या उनके 63 साल की उम्र पूरी होने तक के लिए होगी। वास्तव में, अब तक एलआईसी में अध्यक्ष कंपनी के अंदर एकमात्र व्यक्ति है। जबकि सीएफओ को बाहर से लाया जा रहा है। यह नियुक्ति अनुबंध के आधार पर है। इसी तरह देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) भी सीएफओ को अपने चेयरमैन से ज्यादा सैलरी देता है।

SBI सीएफओ की सालाना सैलरी 75 लाख रुपये

विज्ञापन को जून 2020 में एसबीआई सीएफओ की नियुक्ति के लिए बुलाया गया था। इसमें 75 लाख रुपये सालाना वेतन देने की बात कही गई थी। यह कंपनी को लागत (सीटीसी) था। इसके अलावा और भी सुविधाएं थीं। उस समय चेयरमैन रजनीश कुमार को 29.53 लाख रुपये सालाना वेतन मिलता था। हालांकि मौजूदा चेयरमैन दिनेश खारा को सालाना 38 लाख रुपये सैलरी मिलती है।

3 साल के अनुबंध के आधार पर नियुक्ति

एसबीआई ने यह नियुक्ति 3 साल के अनुबंध के आधार पर की थी। इसे दो साल के लिए रिन्यू भी किया जा सकता है। वैसे सरकारी कंपनियों में एमडी और सीईओ की सैलरी सिर्फ 30-40 लाख रुपए सालाना है। यहां तक ​​कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की सैलरी भी 35 लाख रुपए सालाना है। यह अलग बात है कि इन लोगों को बड़ी सुविधाएं मिलती हैं। साथ ही आजीवन पेंशन भी मिलती है। देश के तीसरे सबसे बड़े बैंक 'बैंक ऑफ बड़ौदा' के एमडी और सीईओ को सालाना 35.39 लाख रुपये सैलरी मिलती है।

निजी क्षेत्र में पेंशन उपलब्ध नहीं है

निजी बैंकों या कंपनियों में वेतन अधिक हो सकता है, लेकिन वहां पेंशन नहीं है। उदाहरण के लिए, एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ को सालाना 4.71 करोड़ रुपये का वेतन मिलता है। निजी बैंकों के एमडी और सीईओ का वेतन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तुलना में 14-15 गुना अधिक है।

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