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बहुत हुई महंगाई की मार, अब बस करो सरकार! फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, 16 राज्यों में पेट्रोल 100 रुपए के पार

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है। राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल 35 पैसे और डीजल 18 पैसे महंगा हो गया है। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल 99.51 रुपये और डीजल 89.36 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है।

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है। राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल 35 पैसे और डीजल 18 पैसे महंगा हो गया है। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल 99.51 रुपये और डीजल 89.36 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। इससे पहले 2 जुलाई को भी पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी की गई थी। देश के 16 राज्यों में पेट्रोल और 3 राज्यों में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है। जून में ईंधन की कीमतों में यह 16वीं वृद्धि थी। राजधानी दिल्ली में जून में पेट्रोल 4 रुपये 58 पैसे और डीजल 4 रुपये 02 पैसे महंगा हुआ था। इससे पहले मई में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 16 गुना बढ़ोतरी की गई थी। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे है।

16 राज्यों में पेट्रोल 100 के पार

देश के 16 राज्यों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मणिपुर, तेलंगाना और राजस्थान के सभी जिलों में पेट्रोल 100 रुपये पर पहुंच गया है। वहीं, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उड़ीसा, चंडीगढ़, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और लद्दाख में कई जगहों पर पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है। वहीं डीजल की बात करें तो उड़ीसा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में यह 100 रुपये से ऊपर जा चुकी है।

इस साल 1 जनवरी को पेट्रोल 83.97 और डीजल 74.12 पर था, जो अब 99.51 रुपये और 89.36 रुपये प्रति लीटर है। यानी 6 महीने में पेट्रोल 14.84 रुपये और डीजल 14.77 रुपये महंगा हो गया है। जून में अब तक पेट्रोल 4 रुपये 23 पैसे और डीजल 3 रुपये 74 पैसे महंगा हो चुका है।

ब्रेंट क्रूड ऑइल 76 डॉलर के पार

इसी हफ्ते ओपेक देशों की बैठक हुई। इसमें आने वाले अगस्त से दिसंबर के दौरान कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर फैसला लिया जाना था. लेकिन 11 घंटे चली बैठक के बाद भी कोई फैसला नहीं हो सका। शुक्रवार को बाजार बंद होने पर ब्रेंट क्रूड 76.17 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जो एक दिन पहले की तुलना में 0.33 डॉलर अधिक है. इसी तरह वहां यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट या डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.07 डॉलर की गिरावट के साथ 75.16 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।

और महंगा हो सकता हैं इंधन

केडिया कमोडिटी के निदेशक अजय केडिया का कहना है कि अक्टूबर 2018 में कच्चा तेल 86 डॉलर पर पहुंच गया था। 3 साल बाद एक बार फिर वही ट्रेंड होता दिख रहा है। ऐसे में इस साल के अंत तक कच्चा तेल एक बार फिर 86 डॉलर तक जा सकता है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

क्यों बढ़ रही कच्चे तेल की कीमते

अजय केडिया का कहना है कि दुनिया भर में कोरोना के नए मामलों में लगातार गिरावट और टीकाकरण की बढ़ती रफ्तार से आर्थिक गतिविधियां खुल गई हैं। इससे ईंधन की मांग तेजी से बढ़ रही है। नतीजतन, कच्चे तेल की कीमत आसमान छू रही है। अमेरिकी फेड जल्द ब्याज दरें बढ़ाने के संकेतों पर डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ है, जिससे रुपया कमजोर हुआ है। हम अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का 80% से अधिक आयात करते हैं और इसे खरीदने के लिए हमें डॉलर में भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में रुपये के कमजोर होने से कच्चे तेल की कीमत बढ़ रही है।

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