गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति के निर्णय की घोषणा करने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी पर अपना रुख दोहराया। गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी हमारे लिए खतरा है और ये हमारी वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा है।
क्रिप्टोकरेंसी
मीडिया से बातचीत में RBI गवर्नर दास ने कहा कि, 'जहां तक क्रिप्टोकरेंसी का सवाल है, आरबीआई का रुख बहुत स्पष्ट है। निजी क्रिप्टोकरेंसी हमारी वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं।'
दास ने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि निवेशकों को सूचित करना हमारा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों को यह ध्यान रखना चाहिए, कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इस तरह के एसेट का कोई आधार नहीं है।
इस बीच, केंद्रीय बैंक ने डिजिटल रुपये (Digital rupee) के बारे में भी बात की, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट 2022-23 (Budget 2022) के भाषण में 1 फरवरी को की थी। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने बताया कि डिजिटल रुपया बिल्कुल सामान्य, फिजिकल रुपये की तरह होगा।
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि, 'जैसे सामान्य रुपया आपके पर्स या जेब में रखा जाता है, वैसे ही डिजिटल रुपया आपके सेल फोन डिवाइस में रखा जाएगा। डिजिटल रुपये और निजी क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर यह है कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया जाएगा।
डिजिटल मुद्रा के रोल आउट पर दास ने जवाब दिया कि वे सीबीडीसी (CBDC) के लिए कोई समयसीमा नहीं दे सकते। लेकिन उन्होंने कहा कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं, उसे बहुत सावधानी से कर रहे हैं। हमें साइबर सुरक्षा और जालसाजी जैसे जोखिमों को ध्यान में रखना होगा। इसलिए, हम सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं और समयरेखा नहीं दे सकते हैं। डिप्टी गवर्नर ने आगे उल्लेख किया कि एक बार प्रस्तावित कानून में संशोधन के बाद, हम कॉन्सेप्ट और पायलट परियोजनाओं के अपने प्रूफ के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
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