महाराष्ट्र में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक मंडी में हड़कंप मच गया है। आयकर विभाग की ओर से 21 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चली छापेमारी में लासलगांव और पिंपलगांव के 15 व्यापारियों के पास से 26 करोड़ नकद और 100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति बरामद हुई है। मंडी समिति के सदस्यों का कहना है कि जब उपज अधिक होती है तो बड़े व्यापारी प्याज की जमाखोरी करते हैं। जब बाजार में प्याज की कमी हो जाती है तो दोगुने या तिगुने दामो पर बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं।
किसानों ने कहा कि प्याज खरीफ, लेट खरीफ और रबी मौसम में उगाया जाता है। इसमें रबी प्याज का औसत अधिक होने के कारण किसान और व्यापारी जमाखोरी करते हैं। वे आमतौर पर अप्रैल से सितंबर तक प्याज को बिक्री के लिए बाजार में उतारते हैं। इसके बाद रबी प्याज की बिक्री होती है। इस समय आवक कम होने से कीमतें बढ़ जाती हैं। ऐसे में व्यापारियों को तिगुना मुनाफा होता है।
हर साल सितंबर से नवंबर के बीच प्याज के दाम बढ़ते हैं। इस दौरान खुदरा बाजार में प्याज का भाव 35 से 55 रुपये प्रति किलो है। बाकी समय यह 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिकता है। इसमें भाव बढ़े तो किसानों को लाभ होगा, ऐसी कोई बात नहीं है। क्योंकि व्यापारी किसानों से 10 से 12 रुपये प्रति किलो के भाव से प्याज खरीदते हैं। वहीं, प्याज के बड़े कारोबारी बड़े पैमाने पर जमाखोरी कर दोगुने या तिगुने दाम पर बेचते हैं।
कुछ व्यापारियों का नेटवर्क दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में है। वे निर्यात भी करते हैं। नासिक के व्यापारियों के यहां छापेमारी करने से पहले आयकर विभाग ने उन पर नजर रखी थी। उनके बैंकिंग लेनदेन की भी जांच की जा रही है। प्याज की आवक कम होने पर देश में इसकी कमी होती है।
पिंपलगांव और नासिक के प्याज व्यापारियों पर छापेमारी के दौरान 159 अधिकारियों और कर्मियों के एक बड़े दल ने चार दिन तक छापेमारी की। 26 करोड़ की नकदी गिनने और बेनामी संपत्ति की गणना करने में अधिकारियों को 19 घंटे लग गए।