डेस्क न्यूज़: राजस्थान में कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। इसे कम करने के लिए कांग्रेस की गहलोत सरकार ने पिछले डेढ़ महीने में चार तरह के प्रयोग (नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन, पब्लिक सेफ्टी पखवाड़ा और अब टोटल लॉकडाउन) आजमाए हैं। लेकिन इतना सब होने के बाद भी कोरोना के मामले कम नहीं हो रहे हैं। बल्कि पाजिटिविटी रेट रोज़ निचे आने के बजाए ऊपर ही जा रही है।
अब तो बड़े शहरों के बाद छोटे शहरों में भी संक्रमण की रफ्तार बढ़ने लगी है। जब से राज्य में 10 मई को टोटल लॉकडाउन लगाया गया था, तब से 14 मई तक 5 दिनों के भीतर संक्रमण की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। राज्य के 7 शहरों में इन 5 दिनों में संक्रमण दर 30% से ऊपर रही है।
मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार अब और सख्ती करने पर विचार कर रही है। सरकार का फोकस अब उन शहरों में और सख्ती करने पर होगा जहां ज्यादा मामले मिल रहे हैं। इन शहरों या कस्बों में संक्रमित क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा कंटेनमेंट जोन बनाकर सख्त लॉकडाउन का पालन किया जाएगा, ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके।
अगर बीते 4 दिनों की रिपोर्ट देखें तो सबसे ज्यादा 11,526 मरीज जयपुर में ठीक हुए हैं, लेकिन यहां संक्रमित केस ज्यादा आने के चलते एक्टिव केसों की संख्या में कमी आने की बजाय 2,095 की बढ़ोतरी हो गई है। वहीं जोधपुर राज्य का दूसरा ऐसा शहर है जहां जयपुर के बाद रिकवर लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां 6,798 लोग रिकवर हुए, जिसके कारण यहां एक्टिव केस भी करीब 5.52% कमी आयी है।
राजस्थान में 7 ऐसे जिले हैं जहां लॉकडाउन के बाद भी पॉजिटिविटी रेट कम होने की बजाए भड़ता जा रहा है, इन शहरों में पॉसिटिविटी रेट 30% से ऊपर रहा है। इसमें सबसे ज्यादा दर श्रीगंगानगर में 36 फीसदी रही। इसके अलावा सीकर, भरतपुर, अलवर, जैसलमेर, दौसा और प्रतापगढ़ में भी संक्रमण की दर 30 फीसदी से ज्यादा रही। वहीं जालौर ऐसा जिला रहा है, जहां सबसे कम संक्रमण दर 4 फीसदी दर्ज की गई है। यहाँ टोटल लॉकडाउन के बाद 5 दिन में सिर्फ 289 लोग संक्रमित हुए हैं।
लॉकडाउन के दौरान राज्य की राजधानी जयपुर में 5 दिन के अंदर सबसे ज्यादा 16 हजार 667 संक्रमित केस मिले हैं। इसके बाद जोधपुर में 6260, उदयपुर में 5112 और अलवर में 4964 पॉजिटिव केस मिले हैं। वहीं जालौर और प्रतापगढ़ ऐसे जिले हैं जहां इन पांच दिनों में 500 से भी कम संक्रमित मिले हैं।