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Corona के इलाज के लिए आई नई दवा, ऐसा पावडर जो संक्रमण रोकने में करता है मदद

Dharmendra Choudhary

डेस्क न्यूज़: Corona महामारी की तबाही के बीच, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कोरोना के खिलाफ युद्ध जीतने की नई उम्मीद दी है।

डीआरडीओ की इस नई एंटी-कोरोना दवा का इस्तेमाल कोरोना संक्रमित रोगियों पर आपातकालीन मामलों में किया जाएगा।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने DRDO द्वारा विकसित इस दवा को 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) नाम से अनुमोदित किया है।

यह दवा Corona संक्रमित रोगियों में ऑक्सीजन की कमी की चुनौती को काफी कम कर सकती है।

DRDO ने यह जानकारी दी है। यह दावा किया जाता है कि यह दवा 7 दिनों में कोरोना संक्रमण को खत्म कर सकती है।

अब तक 42 रोगियों पर परीक्षण किए गए हैं जिसमें यह पाया गया है कि इसके सेवन से ऑक्सीजन का स्तर बना रहता है।

हालांकि, यह दवा केवल मध्यम और उच्च लक्षणों वाले रोगियों के लिए है।

यह दवा शरीर में प्रवेश करते ही Corona Virus का प्रसार रोक देती है।

सब कुछ ठीक चल रहा है, यह दवा अगले सप्ताह से उपलब्ध होगी।

प्रारंभ में इसका उपयोग केवल अस्पताल में किया जाएगा।

यह दवा Corona संक्रमण से पीड़ित रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित

DRDO ने कहा कि यह दवा एक पाउडर के रूप में आती है, जिसे पानी में घोलकर लिया जा सकता है।

डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, हैदराबाद के सहयोग से विकसित DRDO के रिसर्च लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर एंड अलाइड साइंसेज (INMAS) में दवा का क्लिनिकल परीक्षण सफल रहा है।

परीक्षण के दौरान ड्रग लेने वाले लोगों की बड़ी संख्या RTPCR परीक्षण में नकारात्मक पाई गई।

यह दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन निर्भरता को भी काफी कम कर देती है।

2DG दवा से मरीज की रिकवरी भी अपेक्षाकृत जल्दी हो गई है।

डीआरडीओ के अनुसार, यह दवा Corona संक्रमण से पीड़ित रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।

Corona के मध्यम और गंभीर रोगियों को अस्पताल में उपचार के दौरान यह दवा दी जा सकती है।

2-डीजी दवा का उपयोग करने वाले मरीज अपेक्षाकृत कम समय यानि ढाई दिन में ठीक हो गए

DRDO और INMAS के वैज्ञानिकों ने अप्रैल 2020 में इस दवा को विकसित करने पर काम शुरू किया। हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के सहयोग से प्रयोगशाला परीक्षणों में पाया गया कि 2-DG Corona Virus SARS-COV-2 पर प्रभावी है। यह वायरस के विकास को रोकने में भी सक्षम है। इस परीक्षण के निष्कर्ष के बाद, मई 2020 में, डीसीजीआई और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ने परीक्षण के अपने दूसरे चरण की अनुमति दी। DRDO और रेड्डी की प्रयोगशालाओं ने बाद में दवा के प्रभाव का आकलन करने के लिए मई से अक्टूबर तक नैदानिक परीक्षण किया। यह दवा कोरोना रोगियों पर सुरक्षित और प्रभावी पाई गई है। पहले दो परीक्षण पहले छह और फिर 11 अस्पतालों में किए गए। इस क्रम में 110 रोगियों पर इसके प्रभाव का परीक्षण किया गया। परीक्षण के आधार पर आकलन में पाया गया कि 2-डीजी दवा का उपयोग करने वाले मरीज अपेक्षाकृत कम समय यानि ढाई दिन में ठीक हो गए।

1 मई को इस दवा के आपातकालीन उपयोग की अनुमति

इस सफलता के बाद, डीसीजीआई ने अपने तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दी। नवंबर से मार्च 2021 तक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र में 27 अस्पतालों में नैदानिक परीक्षण किए गए। इसमें पाया गया कि Corona की निर्धारित मानक दवाओं का उपयोग करने वाले रोगियों की तुलना में 2-डीजी ड्रग्स लेने वाले मरीज तेजी से ठीक हो गए और ऑक्सीजन पर उनकी निर्भरता भी काफी कम हो गई। 65 वर्ष से अधिक आयु के रोगियों में भी यही प्रवृत्ति देखी गई। इसके बाद, डीसीजीआई ने 1 मई को इस दवा के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी।

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