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कोच्चि के दो ऐसे दोस्त जो कोरोना संकट की घड़ी में बढ़चढ़ कर जरूरतमंदों की कर रहे है मदद

भारत इस वक्त काफी बुरे समय से गुजर रहा है. हमारा पूरा देश कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी से जूझ रहा है. रोजाना संक्रमितों और मरनेवालों के लाखों नए मामले सामने आ रहा है.

savan meena

कोच्चि के दो ऐसे दोस्त जो कोरोना संकट की घड़ी में बढ़चढ़ कर जरूरतमंदों की कर रहे है मदद : भारत इस वक्त काफी बुरे समय से गुजर रहा है. हमारा पूरा देश कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी से जूझ रहा है।

रोजाना संक्रमितों और मरनेवालों के लाखों नए मामले सामने आ रहा है,

हालांकि इस बीच थोड़ी राहत की बात ये है कि कई लोग अपनी स्वेक्षा से आगे आ रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर रहे हैं,

ये लोग कई बार अपनी क्षमता से बढ़कर योगदान दे रहे हैं।

इसी सिलसिले में आज हम आपको कोच्चि के दो ऐसे दोस्त को बाेर में बताएंगे

जिन्होंने इस संकट की घड़ी में बढ़चढ़ कर जरूरतमंदों की मदद की है।

जरूरतमंदो की कर रहे है मदद 

कोच्चि के दो ऐसे दोस्त जो कोरोना संकट की घड़ी में बढ़चढ़ कर जरूरतमंदों की कर रहे है मदद :

पिछले साल कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच एक तरफ जहां पूरा देश डरा हुआ था, अपने घरों में बंद था,

वहीं दो व्यक्ति ऐसे भी थें जो अपने घर से बाहर निकल जरूरतमंदो की मदद कर रहे थें।

भूखो को खाना खिला रहे थे और कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए सड़कों को सैनिटाइज कर रहे थें,

इनका नाम जॉर्ज एंटनी और असलम पलाथिल है।

जार्ज 68 साल के हैं जबकि उनका दोस्त अस्लम 58 साल का।

वहीं एक बार फिर कोरोना महामारी ने विकराल रूप ले लिया है।

बढ़ते आंकड़ों और मौतों के बीच जार्ज और असलम एक बार फिर लोगों की मदद के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक जार्ज और अस्लम पिछले कई दिनों से सार्वजनिक जगहों को सैनिटाइज करने में लगे हैं।

मच्छरों से परेशान होकर लिया था मशीन

इस जोड़ी ने शहर की मच्छरों की समस्या से निपटने के लिए शुरू में कीटाणुशोधन मशीन खरीदी थी।

उन्होंने बताया कि शहर में मच्छरों के कारण बीमारियां बढ़ रही ती, लोग परेशान थें,

लेकिन कई शिकायतों के बाद भी अधिकारियों द्वारा इस दिशा में कोई कजम नहीं उठाया गया।

इसलिए, हमने इस परेशानी से खुद से निपटने का फैसला लिया और एक मशीन खरीद ली।

लेकिन कोरोना वायरस के आने के बाद हम इसी मशीन का इस्तेमाल पब्लिक प्लेस को सैनिटाइज करने में करते हैं,

ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस संक्रमण से बच सकें।

ऑटोरिक्शा ड्राइवरों की मदद करने की योजना

वहीं पुलिस की गाड़ियों के अलावा असलम और एंटनी इलाके के ऑटोरिक्शा ड्राइवरों की मदद करने की योजना बना रहे हैं और साथ ही उनके वाहनों को मुफ्त में सैनिटाइज कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एक ऑटोरिक्शा चालक हमारे पास आया था।

उनसे बात करते हुए बताया कि महामारी के दौरान उसे अपने परिवार से मिलने और बच्चों को खाना खिलाने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा. हमने उसके संघर्ष तो महसूस किया और उनकी मदद करने का फैसला किया।

मैंने उससे कहा है कि वो अन्य ड्राइवरों को भी अपने स्टैंड पर मुफ्त सैनिटाइजेशन के बारे में बता दें. ताकि हम सबकि मदद कर सकें।

फ्रंटलाइन योद्धा के सामने उनका काम कुछ भी नहीं

एंटेनी कहते हैं कि कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच हमारे फ्रंटलाइन योद्धा जो कर रहे हैं उनके मुकाबले एंटोनी और अस्लम का काम कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम अपने स्तर पर जितना मदद कर सकते हैं उतना कर रहे हैं. हम मट्टनचेरी के भौगोलिक क्षेत्र के भीतर कलामस्सेरी में स्थित पुलिस थानों की सफाई कर रहे हैं।

एंटनी ने कहा, "हमने पिछले अप्रैल से नौ महीने तक अपना स्वच्छता अभियान जारी रखा था, हमने दूसरी लहर शुरू होने के बाद इसे पिछले महीने फिर से शुरू किया और अब ज्यादा से ज्यादा मदद करने की कोशिश कर रहे हैं.

भीड़ भाड़ वाली जगहों को करेंगे सैनिटाइज

अस्लम ने बताया कि ऑटोरिक्शा को सैनिटाइज करने के बाद उनका अगला टारगेट होगा भीड़ भाड़ वाली जगहों को सैनिटाइज करना. उन्होंने कहा कि हम सैनिटाइजर के रूप नेंविरोल-ऑक्सी का उपयोग कर रहे हैं. हमारे पास स्टॉक है और अधिक दवा रविवार को आएगी, जिसके बाद हम काम को शुरू करेंगे।

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