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कैसे डूबी बार्ज पी 305? क्या होता है बार्ज? हादसे के लिए कौन ज़िम्मेदार?

समुद्र में फंसे लोगों की तलाश में नौसेना और तटरक्षक बल की ओर से अभी भी तलाशी और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

Dharmendra Choudhary

डेस्क न्यूज़: मुंबई के समुद्र में डूबे हुए बार्ज P-305 के कैप्टन को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि वह जिंदा है तो कोई कह रहा है कि उसकी मौत हो गई है। समुद्र में फंसे लोगों की तलाश में नौसेना और तटरक्षक बल की ओर से अभी भी तलाशी और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन क्या इतने दिन बाद भी कोई समंदर में ज़िंदा रह सकता है? आखिर बार्ज क्या है? और इसके डूबने का कारण क्या हो सकता है? इन सभी सवालों के जवाब आज हम लेकर आए हैं। इस मुद्दे पर पूरी एनबीटी ऑनलाइन टीम ने पूर्व नौसेना अधिकारी विजय वढेरा से बातचीत की है।

क्या होता है बार्ज

विजय वाढेरा बताते हैं कि बार्ज एक आवासीय जहाज है जिसमें कोई इंजन नहीं होता है। इसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए टग जहाजों (रस्सा जहाजों) का उपयोग किया जाता है। समुद्र में तेल निकालने के प्लेटफॉर्म पर जगह कम होती है। तो लोग ड्यूटी के बाद बार्ज में आकर सोते, खाते-पीते हैं। बार्ज आकार में एक वर्ग होता है और इसमें टैंक होते हैं।

बार्ज के कप्तान की गलती नहीं

विजय वढेरा का कहना है कि बार्ज के लिए एक कप्तान भी नियुक्त किया जाता है, हालांकि यह अन्य जहाजों के कप्तानों की तरह योग्य नहीं है। मतलब उनके पास जारी किए गए डीजी शिपिंग के ज्यादातर सर्टिफिकेट नहीं हैं। इसलिए हम उन्हें उचित कप्तान न कहकर पर्यवेक्षक भी कह सकते हैं। जो पूरे बार्ज की देखरेख करता है।

बार्ज और लोगों की जिम्मेदारी कंपनी की

वढेरा का कहना है कि जब 11 मई को तूफान की सूचना आई तो यह जानकारी एफकॉन या ओएनजीसी को भी मिली होगी। इसलिए बार्ज का मालिक होने के नाते उन्हें आईएमडी यानी मौसम विभाग से इसकी तीव्रता के बारे में पूछना चाहिए था। यह भी पता होना चाहिए था कि इस तूफान का रास्ता क्या होगा। 14 तारीख को जब बार्ज को प्लेटफार्म से 400 मीटर दूर खड़े होने को कहा गया। उन्हें लगा होगा कि शायद तूफान से उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं होगा। अगर बार्ज प्लेटफॉर्म के पास रुक जाता तो इससे खुद को और प्लेटफॉर्म दोनों को ज्यादा नुकसान हो सकता था।

कप्तान को वापस लौट आना चाहिये था

विजय वाढेरा बताते कि बार्ज को वापस लाना है या नहीं, यह काम कंपनी का होता है। बार्ज के कप्तान का काम सिर्फ कंपनी के आदेश का पालन करना होता है और यह काम तब अच्छे से हो सकता था जब तूफ़ान की जानकारी मिली थी। तेज तूफ़ान में अगर आप हवा और धारा के खिलाफ चल रहे हैं तो आपके जहाज का इंजन भी ख़राब हो सकता है। या फिर आप समंदर में भटक भी सकते हैं। इसके अलावा 40 नॉटिकल मील तूफानी समंदर में तय करने में 15 से 16 घंटे लग सकते हैं।

कैसे डूबी बार्ज?

कहा जा रहा है कि बार्ज में छेद हो गए थे जिससे वह डूब गई। वढेरा का कहना है कि तूफान में जब बार्ज तेल के प्लेटफॉर्म से टकराता है तो उसमें छेद होने की आशंका रहती है। इसके अलावा अगर बार्ज काफी पुराना रहा होगा तो बार-बार लहरों से टकराने से भी उसमें छेद हो सकता है। यह सब बार्ज की प्लेट पर निर्भर करता है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि बार्ज अच्छी स्थिति में था या नहीं। जानकारों के मुताबिक इतने घंटों के बाद समुद्र में लोगों के बचने की संभावना बेहद कम है।

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