डेस्क न्यूज़- राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। दोनों की मांग को लेकर राजनीति और आरोपों का दौर भी शुरू हो गया है। ऑक्सीजन पर चल रही राजनीति के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को टेलीफोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। मुख्यमंत्री ने कोरोना से राज्य में उत्पन्न स्थिति और कोविड प्रबंधन पर मोदी से बात की। इस दौरान उन्होंने मोदी से ऑक्सीजन के साथ क्रायोजैनिक टैंकर उपलब्ध कराने की भी मांग की। गहलोत की PM से बात ।
गहलोत ने पीएम मोदी से कहा – जिस तरह भारत
सरकार ने पूरे देश में ऑक्सीजन प्लांट एक्वायर
करके राज्यों को आवंटित किया है, उसी तरह देश में क्रायोजैनिक टैंकरों एक्वायर करे। टैंकरों के बीना राज्यों में ऑक्सीजन नहीं आ पाएगी। जितना आप ऑक्सीजन का आवंटन कर रहे हैं, उसके साथ टैंकर भी दें। फिर राज्यों की शिकायतें खत्म हो जाएंगी। चाहे वह दिल्ली हो, चाहे वह राजस्थान हो या कोई अन्य राज्य, सभी की शिकायत एक जैसी है। टैंकर उपलब्ध नहीं हैं।
गहलोत ने मोदी को कोरोना रोगियों की संख्या के अनुसार ऑक्सीजन और दवाइयां उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अधिक कोरोना रोगी हैं। रोगियों की संख्या के अनुसार ऑक्सीजन और दवाओं को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। अब लोग बहुत ज्यादा तकलीफों का सामना कर रहे हैं।
राज्य सरकार के तीन मंत्री ऑक्सीजन और दवाओं की आपूर्ति के लिए मंगलवार को दिल्ली गए हैं। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, जल आपूर्ति मंत्री बीडी कल्ला और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा दिल्ली के दौरे पर हैं। तीनों ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की और राजस्थान को ऑक्सीजन और दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है।
गहलोत ने हाल ही में राजस्थान में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर देने में भेदभाव का आरोप लगाया था। अब, ऑक्सीजन संयंत्रों की तरह, गहलोत ने केंद्र को ऑक्सीजन के परिवहन के लिए क्रायोजैनिक टैंकरों का अधिग्रहण करने और राज्यों को भेजने का सुझाव दिया है।