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White Fungus: दिल्ली में आया दुनिया का पहला मामला, कोरोना के बाद व्हाइट फंगस से मरीज की फूड पाइप, छोटी और बड़ी आंत में हुआ छेद

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में सफेद फंगस का एक अनोखा मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को कोविड संक्रमण के बाद खाने की नली (खाद्य नली), छोटी आंत और बड़ी आंत में छेद हो गया था। जांच के दौरान इसका कारण सफेद फंगस पाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने 4 घंटे की सर्जरी के बाद छिद्रों को बंद कर दिया।

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में सफेद फंगस का एक अनोखा मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को कोविड संक्रमण के बाद खाने की नली (खाद्य नली), छोटी आंत और बड़ी आंत में छेद हो गया था। जांच के दौरान इसका कारण सफेद फंगस पाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने 4 घंटे की सर्जरी के बाद छिद्रों को बंद कर दिया और फिर एंटीफंगल उपचार शुरू किया।

कैंसर के चलते हटाया गया था एक वक्ष

13 मई को एक 49 वर्षीय महिला को

इमरजेंसी में गंगा राम अस्पताल लाया गया था।

उनके पेट में तेज दर्द हो रहा था। उसे उल्टी और

कब्ज हो रहा था। उसके

मामले के अनुसार, उसका एक वक्ष हटाया को कैंसर के कारण हटा दिया गया था

और उसकी कीमोथैरेपी 4 सप्ताह पहले समाप्त हो गई थी।

उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी।

जांच में क्या पता चला?

सीटी स्कैन में मरीज के पेट में तरल और हवा पाई गई। डॉक्टरों को पता चला कि उसकी आंत में छेद है। इसे तुरंत पाइप के जरिए निकाला गया। हालांकि, यह केवल एक तत्काल राहत थी। डॉक्टर समीरन नंदी की टीम ने फौरन ऑपरेशन की तैयारी की। 4 घंटे की सर्जरी के बाद महिला की खाने की नली, छोटी आंत और बड़ी आंत के छेद को बंद कर दिया गया। आंत से गैंगरीन भी काटकर निकाला गया।

आंतों के भीतर गए हो थे फोड़े

डॉ. अनिल अरोड़ा और डॉक्टर नंदी ने बताया कि ऑपरेशन के बाद आंत का एक टुकड़ा बायोप्सी के लिए भेजा गया। इससे पता चला कि आंतों में व्हाइट फंगस है। इसकी वजह से आंतों के भीतर फोड़े हो गए और इससे छेद भी हुए। मरीज के कोविड-19 एंटीबॉडी लेवल बढ़े थे। ब्लड टेस्ट के व्हाइट फंगस का लेवल भी बढ़ा हुआ मिला।

सफेद फंगस का पता कैसे चला?

डॉ. अनिल अरोड़ा और डॉ. नंदी ने बताया कि ऑपरेशन के बाद आंत का एक टुकड़ा बायोप्सी के लिए भेजा गया था. इससे पता चला कि आंतों में सफेद फंगस है। इससे आंतों के अंदर फोड़े हो गए और छेद भी हो गए। मरीज के कोविड-19 एंटीबॉडी का स्तर बढ़ा हुआ था। रक्त परीक्षण के सफेद कवक का स्तर भी बढ़ गया था।

यह मामला दुर्लभ क्यों है?

डॉ. अरोड़ा कहते हैं- कोविड के इलाज में स्टेरॉयड के इस्तेमाल से आंतों में छेद के कुछ मामले सामने आए, लेकिन सफेद फंगस के कारण छोटी आंत, बड़ी आंत और खाने की नली में छेद का मामला शायद दुनिया में पहला है। शरीर के तीन महत्वपूर्ण अंगों में व्हाइट फंगस का मामला किसी भी मेडिकल लिटरेचर में प्रकाशित नहीं हुआ है।

3 कारण से केस बना रेयर

डॉ. अरोड़ा के मुताबिक, 3 कारण थे, जिनकी वजह से ये केस रेयर बन गया। कैंसर, उसके लिए दी गई कीमोथैरेपी और हाल ही में हुआ

कोविड इन्फेक्शन। इससे मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत घट गई थी। व्हाइट फंगस सामान्य तौर पर इतना नुकसान नहीं

पहुंचाता, पर इन तीन वजहों से उसने मुख्य अंगों को काफी नुकसान पहुंचा दिया।

सर्जरी के कारण मरीज की आंतों के छेद को बंद कर दिया गया है। अब उनका एंटीफंगल इलाज शुरू किया गया है। उनकी हालत स्थिर है और उन्हें कुछ दिनों में छुट्टी मिलने की उम्मीद है।

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