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तबाही की तस्वीरें; साल के पहले चक्रवाती तूफान ‘Tauktae’ ने मचाई तबाही

Tauktae ने अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। मुंबई में भारी बारिश शुरू हो चुकी है। गोवा समेत अन्य प्रभावित राज्यों से फोटो वीडियो सामने आने लगे हैं।

Dharmendra Choudhary

डेस्क न्यूज़: पहले ही देश में कोरोना महामारी ने तबाही मचा रखी है। उसके ऊपर से भारत पर अब खतरनाक चक्रवाती तूफान Cyclone Tauktae (तौकते) अपना नंगा नाच कर रहा है। 2021 में आए पहले चक्रवाती तूफान ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। Cyclone Tauktae (तौकते) लगातार दिन प्रति दिन खतरनाक होता जा रहा है। इसका असर पांच राज्यों केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र में दिख रहा है। वहीं, इससे मध्य प्रदेश और राजस्थान में बारिश हो सकती है। मुंबई में भारी बारिश शुरू हो गई है। इस बीच गोवा समेत अन्य प्रभावित राज्यों से फोटो वीडियो सामने आने लगे हैं। Cyclone Tauktae (तौकते) 18 मई को गुजरात तट से टकराएगा और उसके बाद इसका असर ख़त्म हो जायेगा।

Tauktae से हुई ताजा तबाही के फोटो वीडियो देखें:

केरल में भारी बारिश और हवाओं ने घरों और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन अब तक कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि दो लोगों की मौत हो गई है। मुंबई में आंधी और भारी बारिश का असर कोरोना की जंग पर भी पड़ा है। यहां निचले इलाकों से कोरोना मरीजों को सुरक्षित अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है।

गोवा (पणजी) की तस्वीरें

Tauktae की ताकत का असर

  • पीएम मोदी ने की निपटने की तैयारियों की समीक्षा, हालात पर नजर
  • वायुसेना व एनडीआरएफ भी मुस्तैद, लोगों को सतर्क किया गया
  • रेल सेवाओं और उड़ानों पर भी पड़ा असर
  • केरल और तमिलनाडु में अचानक बाढ़ आने का अलर्ट जार

मौसम विभाग के मुताबिक, 17 मई तक 150 किमी प्रति घंटे से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ Cyclone Tauktae बेहद भीषण चक्रवाती तूफान बन सकता है। रविवार को गोवा और महाराष्ट्र के तट पर हवाएं 60-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।

गुजरात: चक्रवाती तूफान को देखते हुए राज्य में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया गया है। एनडीआरएफ गांधीनगर के डिप्टी कमांडेंट रणविजय कुमार सिंह ने कहा, "आज शाम तक 24 टीमें बाहर से 13 टीमों को लेकर अपनी जगह ले लेंगी।"

ऐसे आते हैं समुद्री तूफान

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि जब गर्म क्षेत्रों के समुद्र में हवा गर्म हो जाती है और बहुत कम वायुदाब का क्षेत्र बनाती है, तो संघनन से बादल बनते हैं। इसके बाद खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे आती है। इससे तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश (चक्रवात) हो रही है।

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