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गुरमीत राम रहीम में दिखे कोरोना के लक्षण; PGI में भर्ती

गुरमीत राम रहीम को पिछले कुछ दिनों से बुखार था, जिसके बाद सुनारिया जेल में ही उसका इलाज चल रहा था।

Dharmendra Choudhary

डेस्क न्यूज़: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की तबीयत बिगड़ गई है। कोरोना के लक्षण दिखने के बाद उसे रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। हालांकि उसका RT-PCR टेस्ट किया गया है, लेकिन परिणाम अभी आने बाकी हैं। कहा जा रहा है कि गुरमीत राम रहीम की किडनी भी ख़राब है। अस्पताल के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। अब तक की जानकारी के मुताबिक, गुरमीत राम रहीम को पिछले कुछ दिनों से बुखार हो रहा था, जिसके बाद उसका सुनारिया जेल में इलाज चल रहा था। अब स्थिति बिगड़ गई है और अस्पताल के वीआईपी वार्ड में भर्ती कराया गया है।

पूर्व क्रिकेटर आरपी सिंह के पिता का कोरोना से निधन

इस बीच, लखनऊ से खबर है कि पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर आरपी सिंह के पिता शिव प्रसाद सिंह का बुधवार दोपहर करीब 12 बजे निधन हो गया। उन्होंने लखनऊ के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। इसकी पुष्टि मेदांता के प्रवक्ता आलोक कुमार ने की। जानकारी के अनुसार, शिव प्रसाद सिंह पिछले कई दिनों से बीमार थे और पिछले सप्ताह उन्हें कोरोना भी हो गया था, जिससे उनका ऑक्सीजन स्तर कम हो गया था। कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों ने आरपी सिंह के पिता की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है। आरपी सिंह ने 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

राधास्वामी सत्संग सभा के अध्यक्ष डा. विजय प्रकाश का निधन

राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार का बुधवार को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार दयालबाग के टेनरी श्मशान घाट पर किया गया। डॉ. विजय कुमार कई दिनों से अस्वस्थ थे। उन्होंने बुधवार दोपहर ढाई बजे अपने आवास पर अंतिम सांस ली। पिछले साल नवंबर में पूर्व स्पीकर प्रेम प्रशांत की मृत्यु के बाद उन्हें सत्संग सभा का अध्यक्ष चुना गया था। सत्संग सभा दयालबाग के मीडिया प्रभारी एसके नैय्यर ने कहा कि डॉ. विजय कुमार राधास्वामी सत्संग दयालबाग के पांचवें आचार्य साहिबजी महाराज के धेवते थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दयालबाग में हुई। उन्होंने एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा से मेडिसिन में एमडी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका और इंग्लैंड गए। भारत लौटने पर, एक तेल कंपनी में पांच साल तक काम किया। वे 20 वर्षों तक एयर इंडिया के चिकित्सा सेवा के अध्यक्ष थे। यहां से सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्होंने मुंबई के हिदुजा नेशनल अस्पताल, भाटिया जनरल अस्पताल और जसलोक अस्पताल में अनुसंधान और निदेशक के रूप में कार्य किया।

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