डेस्क न्यूज़: कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बड़ी संख्या में जीवन रक्षक दवाएं और इंजेक्शन खेत में फेंके मिले। ट्विटर पर शिकायत के बाद वाराणसी पुलिस हरकत में आई और सड़क किनारे खेत में मिली इन दवाओं और इंजेक्शन को जब्त कर लिया।
दरअसल, वाराणसी के सारनाथ थाने के साथवा गांव में शुक्रवार की सुबह सड़क किनारे खेत में बड़ी संख्या में एंटीबायोटिक इंजेक्शन के अलावा बड़ी संख्या में एंटीबायोटिक इंजेक्शन, कफ सिरप, आयरन की गोलियां और अन्य जरूरी दवाएं मिलीं। सुबह जब स्थानीय लोगों ने खेत में काफी दवाइयां देखीं तो लोगों को पहले तो एक्सपायरी दवा होने का शक हुआ। लेकिन बाद में जब कुछ लोगों ने इंजेक्शन के बॉयल को करीब जाकर देखा तो सारी दवाएं न सिर्फ ठीक मिलीं बल्कि उन पर नॉट फॉर सेल का टैग भी लगा था। इसके बाद आनंद पांडे नाम के शख्स ने जमाखोरी की आशंका जताते हुए ट्विटर पर यूपी पुलिस को सूचना दी।
आनंद की शिकायत के बाद सारनाथ पुलिस मौके पर पहुंची और दवाओं को जब्त कर लिया। जांच के बाद पता चला कि खेत में फेंकी गई दवाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पतेरवां की हैं। एनबीटी ऑनलाइन से बात करते हुए सारनाथ थाना अध्यक्ष भूपेश कुमार राय ने कहा कि पेटेरवन स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक थाने में दवाओं की पहचान करने आए हैं। उनकी ओर से तहरीर मिलने के बाद उन्हें दवाइयां दी जाएंगी।
आपदा के इस दौर में जिन दवाओं के लिए तबाही मची है। प्रशासन की ओर से सिर्फ सरकारी अस्पतालों को ही दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। क्षेत्र में उन जीवन रक्षक दवाओं की बैठक ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गुरुवार की देर रात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पतेरवां में इन दवाओं की आपूर्ति की गई। देर रात होने के कारण जब स्वास्थ्य केंद्र पर कोई दवा लेने नहीं आया तो उसे देने आया व्यक्ति अस्पताल के बाहर गलियारे में छोड़ गया। लेकिन अस्पताल से कॉरिडोर से ये दवाएं कैसे खेतों में पहुंची, ये अब भी जांच का विषय बना है।