डेस्क न्यूज़: देश में कोरोना का कहर जारी है। इस महामारी में लोग एक दूसरे की मदद करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। लेकिन इधर झारखंड में एक बेहद ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां के प्रमुख अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के एक वार्ड बॉय ने दो वर्षीय कोरोना संक्रमित बच्चे का अंतिम संस्कार किया। क्युकी उसके माता-पिता उसे अस्पताल में लावारिस छोड़कर चले गए थे।
वार्ड बॉय रोहित बेदिया ने कहा कि मुझे बताया गया कि माता-पिता इस दो साल के बच्चे को तब छोड़कर चले गए जब बह कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ। मासूम का अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था। जब मुझे यह काम करने के लिए कहा गया तो मैंने तुरंत इसे स्वीकार कर लिया। रोहित ने कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए शव को रिम्स से रांची के घाघरा मुक्तिधाम ले जाकर रस्म अदा की। जो आमतौर पर परिवार के सदस्य करते हैं।
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि बच्चे के माता-पिता ने कहा कि वे जमुई, बिहार के निवासी थे और अपने दो साल के बेटे को 10 मई की देर रात इलाज के लिए रिम्स लाए थे। बच्चे को एक शिकायत के साथ अस्पताल के बाल रोग वार्ड में भर्ती कराया गया था। बाल रोग सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. हिरेंद्र बिरुआ ने कहा कि परिवार ने डॉक्टरों को बताया कि लड़के को अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई और दोनों 11 मई को दोपहर 12.15 बजे तक बच्चे की देखभाल कर रहे थे।
डॉ. बिरुआ ने कहा कि हमें लगा कि बच्चे की सांस की नली में कुछ फंस गया होगा। जब उसका एक्स-रे किया गया, तो हमने पाया कि बच्चा निमोनिया से पीड़ित था। दोपहर तक उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। कोविड की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसके माता-पिता अचानक गायब हो गए। उन्होंने बताया कि 11 मई को दोपहर 3 बजे बच्चे की मौत हो गई। डॉक्टर हीरेंद्र ने आगे कहा कि अधिकारियों ने बच्चे के माता-पिता से उन्हें दिए गए नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बार-बार प्रयास करने के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो सका। परिवार के तीन दिनों तक जवाब देने में विफल रहने के बाद, अस्पताल के अधिकारियों ने वार्ड बॉय से रांची प्रशासन की अनुमति से उसका अंतिम संस्कार करने का अनुरोध किया।