डेस्क न्यूज़: केंद्र सरकार लगातार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि उन्हें दोनों में से कौन सी Vaccine लेनी चाहिए। वर्तमान में, देश में Covaxin और Covishield Vaccine लगाई जा रही हैं। इसके अलावा रूस से लाई गई स्पुतनिक वैक्सीन भी लगाई जा रही है, लेकिन अभी देश में इसकी खुराक बहुत कम है। देश के ज्यादातर राज्यों में Covaxin और Covishield ही लगाई जा रही हैं। भारत में उपलब्ध Covaxin और Covishield के कारण लोग इस बात को लेकर संशय में हैं कि कौन सा टीका लगवाना बेहतर है। ऐसे में स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि 'दोनों टीकों में कोई तुलना नहीं होनी चाहिए। दोनों टीके कोरोना महामारी को रोकने और संक्रमण के प्रभाव को कम करने और उसके बाद की गंभीर स्थिति में कारगर हैं।
Covishield को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की मदद से बनाया गया है। देश में इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे ने बनाया है। Covishield एक ही वायरस से बनता है। इस टीके की खुराक से हल्का दर्द, जहाँ टिका लगा है उस जगह लाल होना, बुखार, शरीर में दर्द हो सकता है। कुछ मामलों में रक्त के थक्के जमने की समस्या भी देखी गई है। इसके अलावा सरकार ने Covishield की कीमत 150 रुपये रखी है। यह वैक्सीन राज्य सरकार को 400 रुपये और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में मिल रही है।
वहीं, दूसरी कोरोना वैक्सीन Covaxin को आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने बनाया है। इस टीके में मृत वायरस होते हैं, जो आपके शरीर में जाकर एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं, जो असली वायरस को पहचानने के लिए तैयार होते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है, एंटीबॉडी उससे बचाव करने लगती है। Covaxin कोरोना के सभी रूपों पर कारगर माना जा रहा है। इस वैक्सीन को लेने से सूजन, दर्द, बुखार, पसीना, ठंड लगना, सिरदर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। Covaxine की कीमत Covishield से अधिक है। इसमें राज्य सरकार को 400 रुपये प्रति वैक्सीन का खर्च आता है। निजी अस्पताल में इसकी कीमत 1200 तय की गई है।