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WHO कोरोना के इलाज में आइवरमेक्टीन के उपयोग के खिलाफ, एक दिन पहले ही इसे गोवा में मंजूरी मिली

Manish meena

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए आइवरमेक्टीन के इस्तेमाल पर चेतावनी दी है। स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि किसी नए लक्षण के लिए किसी दवा के इस्तेमाल के दौरान सुरक्षा और उसका प्रभाव बेहद महत्वपूर्ण होता है। WHO ने कहा कि वह क्लिनिकल ट्रायल के अलावा आइवरमेक्टीन के जनरल इस्तेमाल के खिलाफ है।

एक दिन पहले सोमवार को ही गोवा सरकार ने कोविड संक्रमण रोकने के लिए वयस्कों पर आइवरमेक्टीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी

एक दिन पहले सोमवार को ही गोवा सरकार ने कोविड संक्रमण रोकने के लिए

वयस्कों पर इस दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी है।

WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने मंगलवार को

आइवरमेक्टीन के इस्तेमाल को लेकर ट्वीट किया है।

इससे पहले मार्च में WHO ने कहा था कि इस दवा से मौतें कम होने या

अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ने के सबूत मिलने की संभावना काफी कम है।

आइवरमेक्टीन को लेकर जर्मन कंपनी ने भी दी थी चेतावनी

WHO से पहले जर्मन हेल्थकेयर और लाइफ साइंस कंपनी मर्क ने भी इस दवा को लेकर चेतावनी दी थी। मर्क ने कहा था- हमारे वैज्ञानिक आइवरमेक्टीन के प्रभाव के सभी तथ्यों और स्टडीज की जांच पड़ताल कर रहे हैं। अब तक इस दवा के कोरोना पर प्रभाव पड़ने के कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिले हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि ज्यादातर स्टडीज में सेफ्टी डेटा की कमी है।

गोवा सरकार ने आइवरमेक्टीन के कोरोना संक्रमण में इलाज को मंजूरी दी

10 मई को गोवा सरकार ने आइवरमेक्टीन के कोरोना संक्रमण में इलाज को मंजूरी दी है। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि कोरोना संक्रमितों को 5 दिन तक 12mg आइवरमेक्टीन दी जाएगी। ब्रिटेन, इटली, स्पेन और जापान में मरीजों पर इस दवा के इस्तेमाल से रिकवरी का समय घटा है, मौतों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि ये कोविड इन्फेक्शन से रक्षा नहीं करती है, पर इस बीमारी की गंभीरता को कम करती है। इसका इस्तेमाल करने वाले सुरक्षा के झूठे भ्रम में न आएं, वो सभी गाइडलाइंस का पालन करें।

IMA ने कहा- केवल 5 दिन दवा देना काफी नहीं

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गोवा के डॉ. विनायक बुवाजी का कहना है कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल 5 दिन के कम पीरियड के लिए नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आइवरमेक्टीन को शुरुआत में पहले, तीसरे और सातवें दिन देना चाहिए। इसके बाद इसे हफ्ते में एक बार तब तक देना चाहिए, जब तक महामारी कंट्रोल में नहीं आ जाती है। केवल 5 दिन टैबलेट देना असरदार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस दवा की एक ही मात्रा सभी लोगों को नहीं देनी चाहिए। 60 साल से कम उम्र के लोगों को 12mg और 60 से ऊपर के लोगों को 18mg डोज देनी चाहिए। हम गोवा के स्वास्थ्य विभाग को इसमें बदलाव करने के लिए पत्र लिखेंगे।

कोरोना मरीजों पर कितनी कारगर?

आइवरमेक्टीन एक एंटी-पैरासिटिक दवा है। इसे भारत में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने भी मंजूरी दे रखी है। इसका इस्तेमाल संक्रमण में किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर्स की सलाह जरूरी होती है। एक स्टडी के मुताबिक आइवरमेक्टीन किसी भी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण फैलने से बचा सकती है। अमेरिका में भी इस पर स्टडी पब्लिश हुई थी। कई स्टडी सामने आने के बाद साइंटिस्ट ने दवा और कोरोना संक्रमण के कनेक्शन पर रिसर्च की। अब तक करीब ढाई हजार लोगों पर ट्रायल किया जा चुका है।

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