डेस्क न्यूज़: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने "हम जीतेंगे" पॉजिटिविटी अनलिमिटेड के तहत संबोधित किया है। इस आखिरी दिन व्याख्यान में भागवत ने कोरोना वायरस के बारे में कहा कि स्थिति विपरीत है, लेकिन हम जरूर जीतेंगे। उन्होंने कहा कि समाज की जो भी जरूरत है, आरएसएस के स्वयंसेवक उसकी पूर्ति में लगे हुए हैं। मौजूदा हालात में खुद को बचाना जरूरी है। संघ प्रमुख ने कहा कि वर्तमान में स्थिति कठिन और निराशाजनक है, लेकिन नकारात्मक नहीं होना चाहिए। मोहन ने कहा, 'आपको तब तक लड़ना है जब तक आप जीत नहीं जाते।'
मोहन भागवत ने कहा, 'मुख्य बात मन की है। मन अगर थक गया तो परेशानी होगी।' जैसे सांप के सामने चूहा अपने बचाव के लिए कुछ नहीं करता है। हमें ऐसा नहीं होने देना है। उन्होंने कहा कि विकृति के बीच संस्कृति की बात सामने आई है। वर्तमान समय निराशा का नहीं लड़ने का है। संघ प्रमुख ने कहा, कोविड आपदा मानवता पर है। भारत को विश्व के सामने अपना उदाहरण रखना है। सारे भारत को एक समूह के नाते सारे भेद भूलकर सभी को एक टीम कर तरह काम करना है।
पांच दिवसीय आयोजन के अंतिम दिन में भागवत ने कहा,' यह वक्त हर दिन हमारे मन को उदास बनाएगा। सारी समस्याओं को पारकर सभ्यता आगे बढ़ी है।' उन्होंने कहा कि देर से जागे कोई बात नहीं है, लेकिन देर से जागे कोई बात नहीं। ऑनलाइन सीखने की व्यवस्था हो गई है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि बहुत कठिन क्रियाएं नहीं है, सिर्फ सात्विक आहार, शरीर की ताकत को बढ़ाने वाला आधार और वैज्ञानिकता का आधार होना चाहिए। मोहन भागवत ने आगे कहा कि खाली मत रहिए कुछ नया सीखिए और बच्चों से संवाद करें।