कोरोना प्रतीकात्मक चित्र 
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कोरोना के नए वैरियंट से बीमार व्यक्ति कर सकता है 20 लोगों को संक्रमित , जानिए आखिर कितना खतरनाक है ओमीक्रॉन

कोरोना के नए वैरियंट का भारत में तीसरे वेब के रूप में खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में जहां केंद्र सरकार उचित कदम उठाने शुरू कर दी है तो वही राज्यों को भी कोरोना को लेकर नयी गाइडलाइन्स बनाने के लिए आदेश जारी हो गए हैं। इस वैरियंट से प्रभावित देशों के लिए उड़ाने पहले ही रद्द कर दी गयी हैं।

Prabhat Chaturvedi

कोरोना के नए वैरियंट का भारत में तीसरे वेब के रूप में खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में जहां केंद्र सरकार उचित कदम उठाने शुरू कर दी है तो वही राज्यों को भी कोरोना को लेकर नयी गाइडलाइन्स बनाने के लिए आदेश जारी हो गए हैं। इस वैरियंट से प्रभावित देशों के लिए उड़ाने पहले ही रद्द कर दी गयी हैं। हालाँकि इतने एहतियात के बाद भी इस वैरियंट से प्रभावित देशों से लोगों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। कर्नाटक में दो मामले इस वैरियंट के आ चुके हैं।

कितना खतरनाक है ओमीक्रॉन वैरियंट

उन्होंने कहा कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति 18 से 20 लोगों को कोरोना पॉजिटिव कर सकता है। इसके पीछे का कारण ओमिक्रॉन का R नॉट वैल्यू अन्य वैरिएंट की तुलना में कहीं अधिक होना है।

हमारे पास वैक्सीनेशन के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि इससे न्यूनतम सुरक्षा बनी रहेगी। उन्होंने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर बताया कि इसके बारे में जानने और रोकने के लिए इस पर अधिक से अधिक डेटा की जरुरत है।

वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी

ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर साउथ अफ्रीका से जो जानकारी आई है उसके मुताबिक इसके जीनोम स्वीक्वेंसिंग और क्लीनिकल जांच में सामने आया कि इसकी संक्रमण की क्षमता ज्यादा है।

ऐसे में बचाव के उपाय के तौर पर वायरस से बचने के लिए लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन की दोनों डोज ले लेनी चाहिए |

लोगों को लगातार साबुन से हाथ धोने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की भी सलाह। वैक्सीन भले पूरी सुरक्षा ना दें लेकिन यह न्यूनतम सुरक्षा जरूर देगा।

ओमिक्रॉन से बचने के लिए बूस्टर डोज जरूरी

ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण से बचाव के लिए बूस्टर डोज को जरूरी बताया गया है। वैक्सीन का दूसरा डोज और बूस्टर डोज साथ-साथ देना चाहिए। ओमिक्रॉन वैरिएंट 500 फीसदी ज्यादा तेजी से फैल सकता है।

विदेश से लौटने वाले हर शख्स का हो आरटीपीसीआर

कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के लेकर जो प्रोटोकॉल तय किए गए हैं वो बेहतर हैं और आने वाले दो महीनों में हम जितनी सख्ती से जांच करेंगे उससे देश को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि हम दूसरे देशों से नए वैरिएंट को आने से रोकने की कोशिश ही कर सकते है।

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