डेस्क न्यूज़: कोरोना महामारी के बाद पिछले एक साल में लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोग अपनी इम्युनिटी से लेकर हेल्थ इंश्योरेंस तक हर चीज के लिए अलर्ट हो गए हैं।
कई लोग ऐसे भी हैं जिनका निजी अस्पतालों में कोरोना का इलाज हो चुका है।
इन लोगों को चंद दिनों के इलाज के लिए लाखों का बिल चुकाना पड़ा है।
इसके बाद ये लोग हेल्थ इंश्योरेंस कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कोरोना से ठीक हुए लोगों को हेल्थ पॉलिसी देने में 1 से 3 महीने का समय ले रही हैं।
इसके अलावा इन लोगों से कई तरह के मेडिकल टेस्ट की रिपोर्ट भी मांगी जा रही है।
जानकारों के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कोरोना वायरस से ठीक होने वाले लोगों की जोखिम श्रेणी का पता लगाने के लिए मेडिकल टेस्ट करा रही हैं।
कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों में कई तरह की दिक्कतें आ गई हैं।
कई लोगों को कोरोना संक्रमण के दौरान इतना नुकसान हुआ कि बाद में उनकी मौत हो गई।
ऐसे में बीमा कंपनी को ज्यादा क्लेम देने पड़ते हैं। इससे बचने के लिए कंपनियां लोगों को टेस्ट कराने के लिए कह रही हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ज्यादातर लोगों को कोरोना से रिकवर होने के बाद 1 से 3 महीने तक प्रतीक्षा करने के लिए कह रही हैं।
क्योंकि कोरोना के ज्यादातर मामलों में मरीज के ठीक होने के 1 से 2 महीने में साइड इफेक्ट देखने को मिल जाते हैं।
जिन लोगों के फेफड़ों में कोरोना का संक्रमण फैला था, उन्हें ज्यादा परेशानी हो रही है। कई मरीजों में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का संक्रमण भी हुआ है और इससे कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।
इसके अलावा लोगों को दिल, किडनी और दिमाग की समस्या से भी जूझना पड़ा है।
ऐसी बीमारियों का खतरा 1 से 3 महीने में कम हो जाता है और मेडिकल टेस्ट से स्वास्थ्य के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलती है।
इससे कंपनियों के लिए जोखिम कम होता है।
इसी वजह से कोरोना से ठीक होने वाले लोगों को 1 से 3 महीने तक इंतजार में रखा जा रहा है।
बीमा कंपनियां कई तरह की बीमा पॉलिसियां ऑफर कर रही हैं। हर बीमा कंपनी के अपने नियम होते हैं।
हेल्थ पॉलिसी खरीदने से पहले यह समझ लें कि उसमें कितना और क्या-क्या कवर होगा।
जिस पॉलिसी में ज्यादा से ज्यादा चीजें जैसे टेस्ट का खर्च और एम्बुलेंस का खर्च कवर हो उस पॉलिसी को लेना चाहिए।
ताकि आपको जेब से पैसे खर्च न करने पड़ें।
एक्सपर्ट्स के अनुसार कई कंपनियां घर पर ही रह कर इलाज कराने पर होने वाले खर्च को भी कवर कर रही हैं।
इसके अलावा कई बीमा कंपनियां सरकार द्वारा बनाए जाने वाले क्वारैंटाइन सेंटर पर भर्ती होकर इलाज कराने पर होने वाले खर्च को भी कवर कर रही हैं।
इंश्योरेंस लेते समय ये देख लें कि आपकी कंपनी ये सुविधा दे रही है या नहीं।