राजस्थान में एक मदरसे को कोविड मरीजों के इलाज के लिए उपयोग में लिया जा रहा है. राज्य के सीकर जिले के खीरवा गांव में जामिया अरब बरकतुल इस्लाम मदरसा कोविड ट्रीटमेंट सेंटर में बदले जाने से पहले 400 से स्टूडेंट्स का रेजिडेंशियल स्कूल था. यहां मरीजों के इलाज में मदद कर रहे इरफान पठान का कहना है कि इसमें फिलहाल लगभग 20 मरीज रह रहे हैं.
इरफान पठान (26) यहां मरीजों को दवा देते हैं और उनकी कंडीशन की जांच
करते हैं. नर्सिंग ग्रेजुएट पठान मदरसे में वॉलंटियर के रूप अपने गांव खीरवा
वापस आने से पहले जयपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में नौकरी करते थे. वह
अपनी नौकरी छोड़कर गांव लौटे और लगभग एक पखवाड़े पहले आस-पास
के गांवों के लोगों के लिए एक प्राइवेट कोविड -19 केयर सेंटर
के रूप में बदले गए मदरसे में लोगों के इलाज में मदद कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक राज्य के अधिकारियों ने
कहा कि सरकार ने मदरसे में फैसिलिटी देने का फैसला किया है.
एक क्वारंटीन सेंटर के रूप में इसमें फ्री इलाज किया जाएगा.
लक्ष्मणगढ़ एसडीओ कुलराज मीणा के अनुसार, खीरवा जिले के उन 10 गांवों में शामिल है, जहां सबसे अधिक संक्रमण मामले सामने आए हैं. सीकर 6,900 से अधिक एक्टिव केस हैं और राज्य में सबसे अधिक एक्टिव केस मामलों वाले जिलों में यह पांचवें स्थान पर है.
मीणा के अनुसार, "ग्रामीणों और प्रशासन के बीच चर्चा के बाद हमने मदरसे एक क्वारंटीन सेंटर के रूप में कार्य करने की अनुमति देने का निर्णय लिया. वे सरकार द्वारा कोविड-19 के लिए निर्धारित दवाओं से इलाज कर रहे हैं. उन्होंन एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से एक मरीज की ऑक्सीजन सेचुरेशन को 70 से 94 तक इंप्रूव करने में कामयाब रहे. "
पठान कहते हैं कि "वर्तमान में हमारे पास एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर है जिसे दो रोगियों द्वारा शेयर किया जा रहा है. निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) खीरवा से सरकारी डॉक्टर दिन में दो बार मरीजों की जांच करने के लिए आते हैं, जबकि मैं पूरे दिन यहां उनकी देखभाल करने के लिए रहता हूं और दवाएं भी देता हूं. "
पठान ने पिछले एक साल जयपुर में कोविड -19 रोगियों की देखभाल की. लेकिन जब उन्हें पता चला कि मदरसे को कोविड रोगियों की देखभाल के लिए ट्रेंड वॉलंटियर्स की जरूरत है तो अपने गांव खीरवा लौटने का फैसला किया. मदरसे में एक लॉन भी है, जहां मरीज व्यायाम कर सकते हैं और ताजी हवा ले सकते हैं. खीरवा से निकटतम सरकारी कोविड केयर सेंटर मदरसा से लगभग 25 किलोमीटर दूर है.
खीरवा सेंटर के हैड मौलाना हसन महमूद काज़मी का कहना है कि मदरसे में कोविड सेंटर सभी के लिए खुला है और सभी के लिए इलाज मुफ्त है. पिछले कुछ दिनों से आस-पास के गांवों से फोन कॉल्स की संख्या बढ़ रही है, जहां कोविड के लक्षण वाले लोग यहां आना चाहते हैं. लेकिन, फिलहाल हम ऐसे मरीजों को नहीं ला पा रहे हैं जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है क्योंकि हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं है. उन्होंने कहा कि एक और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गई है.
काज़मी के अनुसार, जब सेंटर ने काम करना शुरू किया है, लगभग10-12 मरीज़ रिकवर हो चुके हैं. जबकि अब तक कुल मिलाकर लगभग 30 मरीज़ों को भर्ती किया गया है. वहीं, गांव में कोविड -19 लक्षण वाले लोगों के लिए ओपीडी भी चलाई जा रही है.