आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने एक सरकारी ऐम्बुलेंस के ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया है। उस पर आरोप है कि उसने कोविड मरीज के शव को सड़क पर ही छोड़ दिया था। यह घटना मंगलवार को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में घटी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ड्राइवर ने ऐसा मृतक की पत्नी के आग्रह पर किया था।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मृतक की पत्नी से ऐम्बुलैंस स्टाफ से कहा था
कि वह गांव के बाहर ही शव छोड़ दे। मृतक की पहचान शेख सुबहानी (40) के
तौर पर हुई है। शेख जिले के तिरुवुरा मंडल के मुनुकुल्ला गांव के रहने वाले
थे। उन्हें दो दिनों से बुखार आ रहा था। मंगलवार को वह कोविड जांच के लिए
राजूगुदम सरकारी अस्पताल गए जहां वह पॉजिटिव पाए गए।
हालत बिगड़ने पर उन्हें बेहतर इलाज के लिए तिरुवुरु के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शेख की पत्नी ने उनका शव वापस गांव ले जाने का फैसला किया। ऐम्बुलेंस का ड्राइवर गांव के बाहर सड़क पर ही शव रखकर चला गया। यहां वह कुछ देर रहा, पुलिस को जब इस मामले की जानकारी हुई तो उसने अंतिम संस्कार का प्रबंध किया।
इस बीच आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्टीकरण जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ऐसा मृतक की पत्नी के आग्रह पर किया गया। इसके अलावा इस बारे में मृतक के रिश्तेदारों ने लिखित सहमति जमाकर कर कहा है कि उन्होंने ही ऐसा करने के लिए कहा था और इसमें 108 ऐम्बुलेंस ड्राइवर की कोई गलती नहीं है।
इसके बावजूद विभाग का मानना है कि ड्राइवर को शव नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर छोड़ना चाहिए था। इसी गलती के चलते उसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया है।