राज्य में 1 फरवरी से सरकार ने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक को अनिवार्य कर और बिना टीकाकरण वालों पर प्रतिबंध बढ़ाकर वापस ले लिया है। टीकाकरण नहीं कराने वालों पर गहलोत सरकार सख्त कार्रवाई नहीं करेगी। सार्वजनिक स्थानों, बाजारों में बिना वैक्सीन वालों का प्रवेश रोकने के लिए अलग से गाइडलाइन जारी नहीं की जाएगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने वैक्सीन की दोनों डोज 31 जनवरी तक नहीं लगाने वालों के लिए सख्त प्रावधान करने की बात कही थी ।
हाल ही में वीकेंड कर्फ्यू हटाया गया है और कई और रियायतें दी गई हैं। मामले कम हो रहे हैं, इसी तरह पाबंदियों में ढील दी जा रही है। जैसे-जैसे मामले कम हो रहे हैं, रिकवरी हो रही है, इसलिए नई गाइडलाइन की जरूरत नहीं है। पांच-सात दिनों के बाद स्थिति में और सुधार होगा।स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा
एंट्री गेट पर वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना होगा
सरकार बिना टीकाकरण वालों पर नए सिरे से प्रतिबंध नहीं लगाने जा रही है, लेकिन पहले से घोषित प्रतिबंध बरकरार रहेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने हाल ही में दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि सचिवालय समेत सरकार के प्रमुख कार्यालयों में वैक्सीन की दो डोज लगाए बिना एंट्री नहीं है। सरकारी दफ्तरों में एंट्री के लिए वैक्सीन की दोनों डोज का होना जरूरी, एंट्री गेट पर वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना होगा।
जानिए अन्य राज्यों के नियम
कई राज्यों ने मॉल या रेस्तरां में प्रवेश या यात्रा के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र दिखाने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। जिन कर्मचारियों को वैक्सीन नहीं मिली है, उनके प्रवेश पर कुछ राज्य रोक लगा रहे हैं तो कुछ राज्य अपने कर्मचारियों का वेतन भी रोक रहे हैं।
असम, उड़ीसा, गुजरात - जिन सरकारी कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके लिए नो एंट्री।
दिल्ली- एनसीटी दिल्ली से संबद्ध सभी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों ने उन कर्मचारियों को छुट्टी दे दी है, जिन्होंने अभी तक पहली खुराक नहीं ली है। इसकी कटौती कर्मचारी की छुट्टी से की जाएगी।
पंजाब- सरकारी कर्मचारियों को टीकाकरण प्रमाण पत्र का ब्योरा देना जरूरी है, टीकाकरण संख्या न देने वालों के लिए वेतन भी नहीं ।
केरल- स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों के लिए दो खुराक अनिवार्य
मध्य प्रदेश- पीडीएस राशन से संबंधित टीकाकरण प्रमाण पत्र (राज्य सरकार ने नवंबर में जारी किया था नोटिफिकेशन, लेकिन इसका क्रियान्वयन सख्ती से नहीं)
महाराष्ट्र- राज्य स्तर पर कोई आदेश नहीं लेकिन औरंगाबाद जैसे कुछ जिलों में इस तरह के आदेश दिए गए हैं।
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