देश में कोरोना वैक्सीन की कमी के बीच विदेश से इसकी सप्लाई नियमों में फंस गई है। अमेरिकी कंपनी फाइजर का कहना है कि वह सिर्फ केंद्र सरकार को वैक्सीन सप्लाई करेगी। उधर, केंद्र सरकार का कहना है कि फाइजर के साथ मॉडर्ना भी हमारे संपर्क में है। कई राज्य सरकारों के मुताबिक उन्होंने वैक्सीन लेने के लिए फाइजर और मॉडर्ना से संपर्क किया था, लेकिन उन्हें जवाब मिला कि वे सिर्फ केंद्र सरकार से ही डील करेंगी।
इस पर हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि चाहे
फाइजर हो या मॉडर्ना, हम सबके साथ सेंटर लेवल से कोऑर्डिनेट करते हुए दो तरह से
फैसिलिटेट कर रहे हैं। एक तो रेगुलेटरी, जो अप्रूवल के संदर्भ में है और दूसरा प्रॉक्यॉरमेंट
से संबंधित। उन्होंने कहा कि फाइजर और मॉडर्ना, दोनों के ऑर्डर पहले से फुल होते हैं।
ये उनके सरप्लस पर निर्भर है कि वे भारत को कितने डोज दे सकती हैं।
वे भारत सरकार को बताएंगे। फिर हम सुनिश्चित करेंगे कि
उसके आधार पर हम राज्य सरकारों को सप्लाई या कोऑर्डिनेट कर सकें।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि फाइजर और मॉडर्ना ने दिल्ली सरकार को कोरोनावायरस के टीके बेचने से इनकार कर दिया है। वे सीधे केंद्र से डील करना चाहते हैं। केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि इन फर्मों से बात करें, टीकों का आयात करें और राज्यों तक पहुंचाएं।
इससे पहले पंजाब सरकार के सीनियर अफसर ने भी ऐसा ही दावा किया था। उनका कहना था कि मॉडर्ना ने सीधे राज्य सरकार को यह कहकर टीके भेजने से इनकार कर दिया था कि पॉलिसी के मुताबिक कंपनी सिर्फ केंद्र सरकार के साथ ही समझौता कर सकती है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर केंद्र से वैक्सीन की खरीद और आवंटन के लिए पॉलिसी बनाने के लिए कहा। उन्होंने लिखा कि मैं वैक्सीनेशन का मुद्दा उठाने के लिए मजबूर हूं। खासतौर से हमारे देश के युवाओं के लिए, जो नीतिगत गलत कदमों के कारण गड़बड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि यह सही वक्त है कि हम सुधार के लिए उपाय करें। हमारे वैज्ञानिकों और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों की ओर से दिए शुरुआती फायदों के बावजूद हमने अपने लोगों को समय पर वैक्सीन लगाने का मौका गंवा दिया है।