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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत बॉयोटेक को दिया झटका, कोवैक्सीन पर मांगी और ज्यादा सूचना

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोविड-19 के लिए अपने कोवैक्सीन टीके को आपात उपयोग वाली सूची में शामिल कराना चाह रही भारत बॉयोटेक से और अधिक जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर 18 मई को जारी ‘डब्ल्यूएचओ की ईयूएल मूल्यांकन प्रक्रिया में कोविड-19 टीकों की स्थिति’ पर ताजा दिशा-निर्देश रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को ईओआई जमा किया था तथा उससे अभी और जानकारी चाहिए

Manish meena

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोविड-19 के लिए अपने कोवैक्सीन टीके को आपात उपयोग वाली सूची में शामिल कराना चाह रही भारत बॉयोटेक से और अधिक जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर 18 मई को जारी 'डब्ल्यूएचओ की ईयूएल मूल्यांकन प्रक्रिया में कोविड-19 टीकों की स्थिति' पर ताजा दिशा-निर्देश रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को ईओआई जमा किया था तथा उससे अभी और जानकारी चाहिए।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोविड-19 के लिए अपने कोवैक्सीन टीके को आपात उपयोग वाली सूची में शामिल कराना चाह रही भारत बॉयोटेक से और अधिक जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, टीकों के आपात उपयोग की प्रक्रिया के लिए सूचीबद्ध

करने के लिहाज से अनुमति देने के आवेदन गोपनीय होते हैं।

एजेंसी के अनुसार, यदि मूल्यांकन के लिए जमा किया गया कोई दस्तावेज सूची में

शामिल करने के मानदंड को पूरा करता पाया जाता है तो डब्ल्यूएचओ व्यापक परिणाम जारी करेगा।

डब्ल्यूएचओ को 90 प्रतिशत दस्तावेज जमा कर दिये

इस बीच हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने सरकार से कहा है कि उसने कोवैक्सीन टीके को आपात उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल कराने के लिए डब्ल्यूएचओ को 90 प्रतिशत दस्तावेज जमा कर दिये हैं। नयी दिल्ली में सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार से कहा कि शेष दस्तावेज जून तक जमा किये जा सकते हैं।

सूत्रों ने बताया कि ईयूएल पर बीबीआईएल के साथ बैठक में कंपनी के प्रबंध निदेशक वी. कृष्ण मोहन और उनके सहयोगी तथा स्वास्थ्य मंत्रालय, जैवप्रौद्योगिकी विभाग तथा विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी बैठक में शामिल हुए। बता दें कि भारत में बड़े पैमाने पर यह वैक्‍सीन लगाई जा रही है लेकिन अभी तक इसे डब्‍ल्‍यूएचओ से मान्‍यता नहीं मिली है।

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