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नौकरशाहों-पुलिस अधिकारियों पर SC सख्त: कहा- सरकार के साथ मिलकर वसूली करने वाले अफसर जेल में हों

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों के व्यवहार पर कड़ी टिप्पणी की है। जस्टिस रमना ने कहा कि देश में नौकरशाह और पुलिस अधिकारी जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वह बेहद आपत्तिजनक है। सरकार के सहयोग से अवैध रूप से पैसा कमाने वाले अधिकारियों को जेल में होना चाहिए।

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों के व्यवहार पर कड़ी टिप्पणी की है। जस्टिस रमना ने कहा कि देश में नौकरशाह और पुलिस अधिकारी जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वह बेहद आपत्तिजनक है। सरकार के सहयोग से अवैध रूप से पैसा कमाने वाले अधिकारियों को जेल में होना चाहिए। जस्टिस रमना ने कहा, "देश में स्थिति दुखद है। जब कोई राजनीतिक दल सत्ता में होता है, तो पुलिस अधिकारी उस सरकार के साथ होते हैं। फिर जब कोई नई पार्टी सत्ता में आती है, तो सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है। यह एक नई प्रवृति है। जिसे रोकने की जरूरत है।

भ्रष्ट अधिकारियों को सलाखों से पीछे होना चाहिए

CJI ने कहा कि मुझे इस बात पर बहुत आपत्ति है कि इस देश में नौकरशाही खासकर पुलिस अधिकारी कैसा व्यवहार कर रहे हैं। आज की सरकार के साथ तालमेल बिठाने वाले और अवैध रूप से पैसा कमाने वाले पुलिस अधिकारियों को जेल में होना चाहिए। ऐसे पुलिस अधिकारियों का बचाव नहीं किया जा सकता है। एक बार मैं पुलिस अधिकारियों द्वारा अत्याचार की शिकायतों की जांच के लिए स्थायी समितियां गठित करने के बारे में सोच रहा था। अब मैं इसे सुरक्षित करना चाहता हूं। मैं फिलहाल ऐसा नहीं करना चाहता।

इस मामले पर हो रही थी सुनवाई

CJI रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ छत्तीसगढ़ के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) गुरजिंदर पाल सिंह द्वारा दायर तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जीपी सिंह ने अपने खिलाफ देशद्रोह, भ्रष्टाचार और रंगदारी की तीन एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

राजद्रोह और रंगदारी मामले में मिल सकती है सुरक्षा

रमण ने फैसला सुरक्षित रखते हुए निलंबित आईपीएस अधिकारी को दो मामलों (देशद्रोह और रंगदारी) में गिरफ्तारी से संरक्षण का संकेत दिया है। शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से उनकी याचिकाओं पर 8 सप्ताह के भीतर फैसला करने को कहा है। आय से अधिक संपत्ति के तीसरे मामले पर पीठ ने कहा कि जीपी सिंह इसके लिए सही कानूनी रास्ता अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं, क्योंकि उन्होंने केवल मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने और राज्य पुलिस की जांच पर रोक लगाने की मांग की है।

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