न्यूज़- कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। परिचालन व यात्रा आदि बिल्कुल ठप है। ऐसे में अप्रैल महीने के पहले दो सप्ताह में रसोई गैस को छोड़कर सभी ईंधनों की मांग में भारी गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल में ईंधन की कुल मांग 50 फीसदी कम हो गई है। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के पहले दो सप्ताह में पेट्रोल की बिक्री 64 प्रतिशत तथा डीजल की बिक्री 61 प्रतिशत कम हो गयी है।
जानकारी के मुताबिक पूरे विश्व में डिमांड में आई कमी के कारण WTI क्रूड की कीमत आज 18 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई है। ब्रेंट क्रूड का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 28 डॉलर के करीब चल रहा है। उड़ानों के बंद होने के कारण विमानन ईंधन की मांग 94 प्रतिशत कम हो गयी है। इस दौरान सिर्फ रसोई गैस की बिक्री में तेजी देखी गयी। एक अप्रैल से 15 अप्रैल के दौरान एलपीजी की मांग 21 प्रतिशत बढ़ गयी। कुल पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में 50 प्रतिशत की गिरावट आयी। ये आंकड़े तीन सरकारी विपणन कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की बिक्री पर आधारित हैं।
इसके अलावा मार्च महीने के दौरान डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन की मांग गिरने से पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 17.79 प्रतिशत गिरकर 160.8 लाख टन रही थी। मार्च में सबसे अधिक खपत वाले ईंधन डीजल की मांग में 24.23 प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 56.5 लाख टन रही थी। यह डीजल की खपत में आयी रिकॉर्ड गिरावट है। इसके अलावा पेट्रोल की खपत इस दौरान 16.37 प्रतिशत गिरकर 21.5 लाख टन पर आ गयी थी। मार्च में विमानन ईंधन की मांग 32.4 प्रतिशत गिरकर 4.84 लाख टन रही थी। इस दौरान एलपीजी की बिक्री 1.9 प्रतिशत बढ़कर 23 लाख टन रही थी।