न्यूज़- एक तरफ कोविड-19 महामारी में जहां पुलिसकर्मी दिन रात अपनी ड्यूटी कर कोरोना को हराने में लगे हुए हैं। वहीं, बाड़मेर कोतवाली थाना पुलिस के कुछ कार्मिकों की वजह से खाकी पर आरोप लगे हैं। आरोप है कि बाड़मेर कोतवाली पुलिस की एक टीम ने 4 दिन पहले जुआरियों को पकड़ने के लिए एक घर में छापा मारा था। उसके बाद वहां पर 13 लोगों की ओर से जुआ खेलना बताया जा रहा है, लेकिन पुलिस ने महज 7 लोगों को ही गिरफ्तार किया।
दो लाख 27 हजार रुपए ही जुआ राशि बरामद की थी, जिससे पुलिस की भारी किरकिरी हो रही है। कोतवाली पुलिस की टीम पर ये भी आरोप है कि उस जुआ प्रकरण में राशि 10 लाख से अधिक रुपए और कोतवाली पुलिस ने 2 लाख 27 हजार रुपए बताकर लाखों रुपए डकार लिए वहीं पुलिसकर्मियों पर जुआरियों से सांठगांठ करने का आरोप लगा है।
जब इस पूरी कार्रवाई के दूसरे दिन इन सब चीजों को लेकर सोशल मीडिया पर खबर चलने लगी और कुछ जुआरियों को पैसे लेकर को छोड़ने कि खबरें लगातार वायरल हो होने लगी। वहीं, एसपी आनंद शर्मा ने गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच एएसपी खीवसिंह भाटी को सौंपी है। इस पूरे मामले में एएसपी खीवसिंह भाटी ने बताया कि 14 मई को कोतवाली थाना पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए 7 युवकों को गिरफ्तार कर दो लाख 27 हजार की जुआ राशि बरामद करने का मामला दर्ज किया है।
इस कार्रवाई को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर खबरें वायरल हो रही थी। जिसे देखते हुए एसपी आनंद शर्मा ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच मुझे सौंपी है। इस मामले में 3 पक्षों के बयान लेकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करूंगा। बता दें कि इससे पहले भी जुआरियों के साथ शहर कोतवाली का लेनदेन का मामला सामने आ चुका है, जिस पर तत्कालीन एसपी की ओर से इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया।