डेस्क न्यूज़ – राजस्थान के चूरू जिले के राजगढ़ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। रविवार को पुलिस स्टेशन में तैनात पूरे स्टाफ ने बीकानेर आईजी जोस मोहन को एक पत्र लिखा, जिसमें राजगढ़ के थाना प्रभारी विष्णु दत्त विश्नोई द्वारा मुकदमा किए जाने के बाद उनके सामूहिक स्थानांतरण की मांग की गई। पत्र में थाने के 3 एसआई सहित 39 पुलिसकर्मियों के हस्ताक्षर हैं और स्वैच्छिक स्थानांतरण की मांग की है। इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राज्य की राजनीति भी तेज हो गई है। पत्र में यह भी कहा गया कि स्थानीय विधायक ने अनावश्यक शिकायतें और पुलिसकर्मियों का उत्पीड़न किया है।
पत्र में लिखी ये बात
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पुलिसकर्मियों द्वारा कथित रूप से आईजी को सामूहिक रूप से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि '23 मई को SHO साहब के साथ हुई दुखद घटना से हम सभी भयभीत हैं। दिन में ड्यूटी के दौरान, सादुलपुर विधायक और उनके कार्यकर्ता छोटे अधिकारियों पर शीर्ष अधिकारियों को झूठी शिकायतें करते हैं।
इसके अलावा, पत्र में हेड कांस्टेबलों और प्रतिद्वंद्वियों की झूठी शिकायत करने के लिए भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के कारण पुलिस स्टेशन का पूरा स्टाफ डरा और परेशान है। पत्र में इन घटनाओं से मनोबल के टूटने का भी उल्लेख है।
विधायक ने ये कहा
पुलिसकर्मियों के इस पत्र ने जहां विभाग में खलबली मचा दी है, वहीं दूसरी ओर सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मेरी और कार्यकर्ताओं की कॉल डिटेल की जांच होनी चाहिए। मैंने किसी से शिकायत नहीं की है। मामले में झूठे आरोप लगाने की कोशिश की गई।