डेस्क न्यूज़- आगरा के पारस अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है,
वायरल हो रहे वीडियो में डॉक्टर कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि उनके बॉस ने उन्हें मॉकड्रिल करने के लिए कहा था
और इस बात के निर्देश दिए थे कि 5 मिनट के लिए ऑक्सिजन रोककर ट्रायल किया जाए,
सोशल मीडिया पर जो चार वीडियो वायरल हो रहे हैं, उसमें अलग-अलग बातचीत है, इसमें सबसे ज्यादा भयावह वो ऑडियो है,
जिसमें डॉक्टर अरिंजय कह रहे हैं कि दिमाग मत लगाओ और मॉकड्रिल कर दो, इससे हम समझ जाएंगे कि कौन मरेगा और कौन नहीं,
इसके बाद ड्रिल हुई तो मरीज छटपटाने लगे और शरीर नीला पड़ गया।
जो वीडियो वायरल है, उसमें डॉक्टर अरिंजय कहते हैं, मैंने संजय चतुर्वेदी को फोन किया,
वो बोले- बॉस मरीजों को समझाओ, डिस्चार्ज शुरू करो, मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन नहीं दिला सकता,
मेरे हाथ पांव फूल गए और मैंने पर्सनली समझाना शुरू किया, कुछ पेंडुलम बने रहे कि नहीं जाएंगे,
फिर मैंने कहा- दिमाग मत लगाओ और उन्हें छांटो जिनकी ऑक्सिजन बंद हो सकती है, एक ट्रायल मार दो,
हमें समझ आ जाएगा कि कौन मरेगा और कौन नहीं, इसके बाद सुबह 7 बजे मॉकड्रिल शुरू हुई,
ऑक्सिजन शून्य कर दी…22 मरीज छट गए, हाथ पैर नीले पड़ने लगे, छटपटाने लगे तो तुरंत खोल दिए।
वायरल हो रहे चार में से पहले वीडियो में डॉक्टर अरिंजय ये कहते सुनाई पड़ते हैं, 'मेरे पास ट्रेडर का फोन आया,
उसने मुझसे कहा कि आप कहां हो… मैंने उसे जवाब दिया कि मैं राउंड ले रहा हूं, वो बोला- राउंड लेते रहना,
हम लोग आपके पास मिलने आ रहे, मुझे लगा कि ऑक्सीजन का कोई कांड हो गया है,
12 बजे वो आया और कह दिया कि सुबह तक का ही माल है, मोदीनगर और गाजियाबाद ड्राई हो गए हैं,
दिल्ली से माल नहीं मिल रहा है, माल नहीं आ सकेगा, मैंने कहा- कैसी बात कर रहे हो, क्या ऑक्सिजन नहीं मिलेगी,
उसने कहा- कहां से मिलेगी, डीएम साहब भी ऑक्सिजन नहीं देंगे, हम तो ट्रेडर की बात को हल्के में ले रहे थे,
मेरे पास 96 मरीज भर्ती थे और कुल 12 घंटे का समय था।
दूसरे वीडियो में डॉ. अरिंजय कहते हैं, मेरे पास 12 घंटे का समय था, या तो सब मर जाएंगे या इन्हें रेफर कर दो,
दिमाग बिल्कुल खत्म हो गया और कोई रास्ता ही नहीं, एक घंटे तक वॉर्ड में फोन किया,
रात को 1 बजे चिट्ठी लिखी तीमारदारों के लिए, इसको नरेंद्र,गौरव चौहान और लालजीत को दिया,
कहा कि सब मरीज को पढ़ा के आओ, हम नोटिस लगाते तो वो वायरल हो जाता, ढाई बजे रात में हड़कंप मच गया
और अस्पताल के बाहर लोग इकट्ठा हो गए।
तीसरे वीडियो में सुनाई देता है कि सामने बैठा शख्स डॉ. अरिंजय से कह रहा कि जीवन ज्योति अस्पताल में मारपीट हुई है,
इसके जवाब में डॉक्टर अरिंजय कहते हैं, मेरे यहां पर कोई ऐसी घटना नहीं हुई, मैं रिशेप्सन पर आया तो लोग लॉबी में खड़े दिखे, मैंने उन्हें समझाया, लोग बोले- हम जिएं या मरें, कहां जाएंगे, सभी लोगों ने जाने से इनकार कर दिया, इसके बाद फैसला हुआ कि कोई नहीं जाएगा।
वीडियो में आगे आवाज आती है, 'हमनें कहा- इतना बड़ा कांड हो गया, पिछले साल को कांड कुछ भी नहीं था,
अब लिखा जाएगा कि पारस अस्पताल में 96 मरीजों की मौत, अब तो खेल खत्म, करियर भी खत्म,
पत्रकार 304 लिखवाएंगे और मानेंगे नहीं, जेल भी होगी, क्या करते, फिर से मैंने ऑक्सीजन का ग्रुप पकड़ा,
लिखा कि ऑक्सिजन खत्म हो गई है, मैं त्यागी वेंडर्स आदि से मदद मांगी, एक ने पांच सिलिंडर दिलाने का वादा किया,
लेकिन जिंदगी बचानी थी, मैंने कहा- सोने का भाव लगा दो, लेकिन टैंकर खड़ा करो,
6लेकिन मुख्यमंत्री भी सिलिंडर नहीं दिलवा सकता था।