डेस्क न्यूज़- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर को राष्ट्रीय
चिकित्सीय आपातकाल के तौर पर देखने की जरूरत पर जोर दिया, मंगलवार को पायलट ने कहा
कि केंद्र को आगे आना चाहिए और स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी सिर्फ राज्यों पर नहीं छोड़नी
चाहिए क्योंकि भारत को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और रेमडेसिविर के लिए 'युद्ध का मैदान' बनने नहीं दिया जा सकता,
उन्होंने भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की ।
पायलट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और वेंटिलेटर की व्यवस्था
करने को लेकर फाॅर्मूला और मानदंड तैयार करने चाहिए था, संसाधनों के वितरण में पारदर्शिता हाेनी चाहिए,
भारत सरकार को तीन-चार मानदंड बनाने चाहिए थे, मसलन, राज्यों में कोरोना के मामले कितने हैं,
संक्रमण की दर क्या है, मृत्यु दर क्या है, अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कितनी है और हम कैसे ऑक्सीजन का वितरण करेंगे।
पायलट ने कहा कि कुछ मामलों में ऐसा हो रहा है कि राज्य सीमाओं को बंद करना चाहते हैं क्योंकि
वे ऑक्सीजन कंटेनरों के वहां से गुजरने में सहूलियत देने का विरोध कर रहे हैं, पायलट ने ऑक्सीजन,
वेंटिलेटर और रेमडेसिविर के आवंटन और वितरण के लिए पारदर्शी मानदंड और आधार तय करने की
पैरवी की, सरकार को आगे आकर टीकों की कीमतों को नियंत्रित या तय करना चाहिए, जीवनरक्षक वैक्सीन
की कीमत का फैसला कंपनियों पर नहीं छोड़ा जा सकता।
ऑक्सीजन की कमी को लेकर चल रहे आरोप – प्रत्यारोप के बीच बीजेपी ने माेर्चा संभालने के लिए
केंद्रीय मंत्रियाें काे मैदान में उतारा है, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पार्टी कार्यालय के माध्यम से
मीडिया से वीसी के जरिए राज्य सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए केंद्र की ओर से उपलब्ध कराई गई
ऑक्सीजन के आंकड़े रखे।
मेघवाल ने कहा कि हर राज्य को उसकी आवश्यकता और मौजूदा संसाधन के अनुरूप ही ऑक्सीजन का
आवंटन हो रहा है, एक फाॅर्मूला भी बनाया गया है, जिसमें पूरे देश में ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता और राज्यों
की उत्पादन क्षमता के आधार पर इसका आवंटन होता है।
मेघवाल ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि करीब एक साल पहले प्रधानमंत्री ने हर राज्य को
ऑक्सीजन प्लांट और अन्य संसाधनों के लिए फंड आवंटित किया था, राज्य सरकार अगर गंभीर होती तो
आज 1600 ऑक्सीजन सिलेंडर प्रतिदिन उत्पादित किए किए जा सकते थे।
रेमडेसिविर को लेकर मेघवाल ने कहा कि स्टेट का कोटा 26500 था जिसमें हमने 49500 ऐड किया,
67000 का कोटा हो गया, जिसके बाद तो कमी नहीं रहनी चाहिए। मेघवाल ने गहलोत सरकार के मंत्रियों
द्वारा बार-बार प्रदेश के सांसद और तीनों केंद्रीय मंत्रियों के फेल होने के बयानों पर भी आपत्ति जताई।