डेस्क न्यूज़ – कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहे राजस्थान में सरकारी कार्यालयों के लिए एक नई गाइडलाइन निर्धारित की गई है। इसके मुताबिक, जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने उंगलियों में थूक लगाकर फाइल के पन्ने पलटे हैं, उन्हें अब अपनी आदत बदलनी होगी। इसके साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों को भी संगरोध के लिए अवकाश मिलेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए सेवा नियम -1951 में संशोधन किया है। लॉकडाउन के तीसरे चरण के 17 मई को समाप्त होने के बाद, पहले की तरह सरकारी कार्यालयों में कामकाज शुरू करने के लिए एक दिशानिर्देश निर्धारित किया गया है।
इसके तहत, सभी सचिवालय सहित सभी विभागों के मुख्यालयों में बाहरी लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी। केवल अधिकारी और कर्मचारी ही पहुंचेंगे, वह भी मास्क पहनकर। अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया है कि वे फाइल के पन्नों को मोड़ते समय थूक का प्रयोग न करें। इसके साथ ही फाइल देखने के दौरान खाने–पीने से बचने के निर्देश दिए गए हैं। सभी को बार–बार हाथ धोने के लिए कहा गया है। कार्यालय के मुख्य द्वार पर सैनिटाइजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने सभी प्रमुख सचिवों, विभागों के प्रमुखों और जिला कलेक्टरों को निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कोरोना को हराने के लिए कहा है। अस्थायी पास बनाने पर रोक: सचिव सचिव रोली सिंह द्वारा अस्थायी पास बनाने पर रोक जारी की गई है। साथ ही, सभी सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की कुल संख्या का 33 प्रतिशत बुलाया गया है। यह रोटेशन रोज चलेगा।
कार्मिक विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, राज्य के सभी हॉटस्पॉट क्षेत्रों में रहने वाले सरकारी कर्मचारियों के कार्यालय पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा और पुलिस सेवा के अधिकारियों को नियमित रूप से अपने कार्यालयों में बैठना होगा, लेकिन अनावश्यक लोगों के साथ बातचीत को कम करना होगा।