कृष्णा जिले के क्रिश्चियनपेट इलाके की रहने वाली मुत्याला गिरिजम्मा (75) कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं। 12 मई को उन्हें विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें भर्ती कराने के बाद पति गदय्या घर लौट गए। 15 मई को हालचाल जानने के लिए वह अस्पताल गए तो पाया कि गिरिजम्मा अपने बेड पर नहीं थीं।
दूसरे वार्डों में तलाश करने पर भी जब गिरिजम्मा का कुछ पता नहीं चला तो
अस्पताल के कर्मचारियों ने गदय्या को शवगृह में जानकारी करने की सलाह
दी। शवगृह में उन्हें अपनी पत्नी के जैसा ही एक शव मिला और अस्पताल के
अधिकारियों ने गिरिजम्मा का मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया।
इसके बाद परिजन गिरिजम्मा का शव लेकर अपने घर गए और उसी दिन अंतिम संस्कार कर दिया।
पत्नी की मौत से परेशान गदय्या को दूसरा झटका 23 मई को लगा जब उनके बेटे रमेश की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई
वहीं, गिरिजम्मा अस्पताल के ही दूसरे वार्ड में थीं। वह यह सोच रही थीं कि कोई उन्हें लेने क्यों नहीं आया। जब इंतजार के बाद भी कोई उन्हें लेने नहीं आया तो एक जून को वह खुद ही घर की ओर निकल पड़ीं। गिरिजम्मा को देख उनके परिवारवालों और पड़ोसियों में हैरत की लहर दौड़ गई। इसके बाद दोनों पक्षों ने अपना-अपना हाल बताया तब स्थिति साफ हो सकी।