Coronavirus

CORONA LIVE UPDATE : देश में अबतक कोरोना से संक्रमित 99 डॉक्टर्स की मौत

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि भारत में कम से कम 99 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हो चुकी है, जबकि 1,300 से अधिक डाक्टर COVID -19 से संक्रमित हुए हैं।

savan meena

न्यूज –  एक तरफ दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है, वहीं दुनियाभर के वैज्ञानिक इससे निपटने के लिए वैक्सीन बनाने मे लगे है, कई देशों ने दावा किया वे वैक्सीन के ट्रायल में हुत आगे पहुंच चुके है। एक तरफ दुनिया कोरोना से लड़ने में लगी है वही कोरोना वायरर्स दिनरात मेहनत करके लोगों की सेवा कर रहे है।

लेकिन सेवा में लगे डॉक्टर्स भी कोरोना से संक्रमित हो रहे है फिर भी वे दिन रात लोगो की सेवा कर रहे है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अबतक 1300 से अधिक डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित पाये गये है।

99 डॉक्टर्स की कोरोना से मौत हो चुकी

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि भारत में कम से कम 99 डॉक्टर्स की कोरोना से मौत हो चुकी है, जबकि 1,300 से अधिक डाक्टर COVID -19 से संक्रमित हुए हैं। कोरोनोवायरस से संक्रमित होने के बाद मरने वाले डॉक्टरों के प्रतिशत के मामले में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है।

जबकि COVID-19 से मरने वाले डॉक्टरों की देश में मृत्यु दर 8 प्रतिशत है, लेकिन महाराष्ट्र का प्रतिशत 20 पर है। आईएमए ने डॉक्टरों और चिकित्सा प्रशासकों से एहतियात बरतने के लिए रेड अलर्ट जारी किया है

73 फीसदी मौतें 50 साल से अधिक उम्र

IMA नेशनल COVID रजिस्ट्री डेटा के अनुसार, COVID-19 से 1302 संक्रमित डाक्टरों में से 99 डॉक्टरों ने दम तोड़ा है। मृतकों में 73 डॉक्टरों की उम्र 50 साल से अधिक थी, 19 की उम्र 35-40 के बीच थी और सात डॉक्टर 35 साल से कम उम्र के थे।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि वरिष्ठ और युवा डॉक्टर सीओवीआईडी ​​-19 से समान रूप से संक्रमित हैं, जबकि बड़ों में मृत्यु दर अधिक है। जबकि यह अपेक्षित रेखाओं पर है, उम्र के दायरे में मौतों को कम करने की गुंजाइश है।

सफाई और प्रोटोकॉल का सावधानीपूर्वक हो पालन

आईएमए ने सभी वैज्ञानिक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने में डॉक्टरों के नेतृत्व की पुरजोर वकालत की। इसके लिए संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल सहित अस्पतालों में सभी प्रशासनिक सेट अप की गहन समीक्षा और अपडेट की आवश्यकता है। बयान में कहा गया है कि डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए किसी भी गैप को कम किया जाना चाहिए। डॉक्टरों, कर्मचारियों और जनता के फीडबैक सिस्टम को लगाने की जरूरत है।

आईएमए ने कहा कि सफाई और प्रोटोकॉल को सावधानीपूर्वक पालन किया जाना चाहिए। आईएसए ने एक बयान में कहा, "आईएमए डॉक्टरों और चिकित्सा प्रशासकों को गार्ड बढ़ाने के लिए RED ALERT  घोषित करता है। डॉक्टरों से तमाम बेहतरीन वैज्ञानिक तौर-तरीका अपनाने की वकालत करता है।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा ने कहा कि जहां चिकित्सा पेशा राष्ट्र के लिए महामारी से बाहर निकलने की आशा का केंद्र बना हुआ है, वहीं डॉक्टरों के बीच COVID-19 की मौत बहुत चिंता का विषय है।

दोस्ताना और वैज्ञानिक बैच पोस्टिंग को लागू करने की आवश्यकता 

बयान में कहा गया है, "अस्पतालों के अंदर मानदंडों और अनुशासन का सावधानीपूर्वक पालन करना एक प्रभावी होगा, आईएमए सभी वैज्ञानिक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने में डॉक्टरों के नेतृत्व की पुरजोर वकालत करता है। डॉक्टरों को स्थिति को संभालने और खुद, अपने परिवार, अपने सहयोगियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। दोस्ताना और वैज्ञानिक बैच पोस्टिंग को लागू करने की आवश्यकता है।

सुरक्षा की चिंताओं से काम के घंटों को नियंत्रित किया जाना चाहिए। पीपीई, प्रशिक्षण, शारीरिक गड़बड़ी और सैनिटाइटर के लिए दैनिक आधार पर निगरानी की जानी चाहिए।"

आईएमए के महासचिव डॉ. आरवी असोकन ने कहा, "ऑपरेशन थिएटर, लेबर रूम, प्रयोगशालाओं और हताहतों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। आईसीयू और क्रिटिकल केयर इकाइयां सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए करीब से जांच करती हैं।"

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