डेस्क न्यूज़ – पूरी दुनिया वर्तमान में कोरोना महामारी के खतरे में है। इस खतरनाक वायरस ने पूरी दुनिया की रफ्तार रोक दी है। इस महामारी के कारण अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। देश के लगभग सभी क्षेत्रों में, कोरोना के कारण लॉकडाउन का प्रभाव दिखाई देता है। इस बीच, विमानन क्षेत्र ने भी लॉकडाउन के बाद से एक बुरा दौर शुरू कर दिया है। हाल ही में, एक वैश्विक विमानन संघ ने कहा कि कोरोना के कारण, भारतीय विमानन उद्योग और उसके आश्रित उद्योगों में लगभग 3 मिलियन नौकरियां संकट में हैं। बता दें कि 25 मार्च से देशभर में तालाबंदी की गई है, जिसके बाद वाणिज्यिक उड़ान सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं। यह तालाबंदी 3 मई को खत्म होने जा रही है।
30 लाख नौकरियों पर खतरा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने कहा है कि उसके अनुमानों के मुताबिक, एशिया प्रशांत क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का प्रकोप होने के कारण भारत बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। तालाबंदी के कारण आर्थिक गतिविधि बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसमें विमानन और पर्यटन सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। IATA ने अपने आकलन में कहा कि इससे देश के विमानन क्षेत्र और संबंधित उद्योगों में 29 लाख 32 हजार से अधिक नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
कमाई पर भी पड़ेगा असर
एसोसिएशन ने कहा है कि विमानन कंपनियों के राजस्व में 85,000 करोड़ से अधिक का प्रभाव पड़ेगा और यात्री आय 2019 की तुलना में कम होगी। गौरतलब है कि आईएटीए लगभग 290 एयरलाइंस का एक समूह है। इसमें एयर इंडिया, इंडिगो, विस्तारा, स्पाइस जेट भी शामिल हैं।