उदयपुर में, कोरोना संक्रमित रोगियों के उपचार में उपयोग किए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। बुधवार की रात, उदयपुर की विशेष पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए, डॉक्टर और एमबीबीएस छात्र को 2800 रुपये के रेमडिसविर इंजेक्शन को 35 हजार रुपये में बेचने के लिए गिरफ्तार किया। उदयपुर पुलिस के एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने कहा कि फिलहाल आरोपियों से पूछताछ कर उनके साथियों की तलाश शुरू कर दी है।
उदयपुर स्पेशल पुलिस के डॉ हनुमंत सिंह राजपुरोहित ने कहा कि
कोरोना संक्रमित मरीज के परिवार की शिकायत पर इस पूरे गिरोह
के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद, पुलिस ने मोहम्मद अबीर
और मोहित पाटीदार से संपर्क किया, जो कालाबाजारी कर रहे थे।
जिसने 2800 की किमत के रेमेडिसविर इंजेक्शन को 35 हजार में बेचने की बात कही।
जिसके बाद स्पेशल पुलिस की टीम ने दोनों के साथ 35 हजार में सौदा तय किया और आरोपी को मिलने के लिए बुलाया।
जहां पुलिस ने रेमेडिसविर इंजेक्शन जब्त कर दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने कहा कि रेमेडिसविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार डॉ मोहम्मद अबीर (27), उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। जो मूल रूप से उदयपुर के सवीना थाना क्षेत्र का है। वही मोहित पाटीदार (21) गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष का छात्र है। जो मूल रूप से डूंगरपुर के चिखली के निवासी हैं। ऐसे में पुलिस अब डॉक्टर अभि और मोहित की कॉल डिटेल के आधार पर अन्य डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
ऑपरेशन उदयपुर पुलिस के एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के नेतृत्व में किया गया। जिसका नेतृत्व विशेष पुलिस के हनुमान सिंह ने किया था। इस कार्रवाई में इतवारी लाल, सुखदेव सिंह, अनिल पूनिया, उपेंद्र सिंह, तपेंद्र भादू, मनमोहन सिंह, रविंद्र बुडावर, रामनिवास, फिरोज खान विशेष पुलिस दल के सदस्य शामिल थे।