Coronavirus

फेक अफवाह के चलते सरकार ने Tik Tok और Facebook को दिए कुछ निर्देश

आईएएमएआई ने एक बयान में कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां खुद से कंटेंट या सामग्री का निर्माण नहीं करती हैं

Sidhant Soni

न्यूज़- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने टिकटॉक, हेलो और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को शरारती और गलत सूचनाओं को हटाने के लिए कहा है जो लोगों को गुमराह करते हैं और कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ सरकार के जारी अभियान को कुंद कर देते हैं।

साथ ही, सोशल मीडिया कंपनियों को इस बारे में ब्योरा रखने के लिए कहा गया है कि किसने दुर्भावनापूर्ण सामग्री वाले संदेश भेजे। जरूरत पड़ने पर उस विवरण को पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है।

मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, 'इलेक्ट्रानिक्स ओर सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय ने कहा है कि बड़ी संख्या में फर्जी और गलत सूचना वाले ऑडियो और वीडियो संदेश सोशल मीडिया खासकर टिकटॉक, हेलो और फेसबुक पर डाले जा रहे हैं। उसने कहा कि इस प्रकार के के झूठे और गलत संदेशों से लोगों में घबराहट फैलने और अन्य नुकसान का खतरा है।'

मंत्रालय ने एक अलग बयान में सोशल मीडिया कंपनियों से इस प्रकार की सामग्री हटाने के कहा है जिससे सरकार के कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

इस बीच भारतीय इंटरनेट और मोबाइल संघ (आईएएमएआई) ने मंगलवार को कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां को उनके मंच से किसी भी सामग्री को हटाने के आदेश कानूनी तरीके से जारी होने चाहिए। आईएएमएआई के सदस्यों में फेसबुक, गूगल, टिकटॉक, शेयरचैट जैसी कंपनियां शामिल हैं।

आईएएमएआई ने एक बयान में कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां खुद से कंटेंट या सामग्री का निर्माण नहीं करती हैं। इसलिए इनका उपयोग करके किसी भी तरह की गलत जानकारियां फैलाने की जिम्मेदारी उपयोक्ता की है।

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