डेस्क न्यूज़ – कोरोना वायरस के संक्रमण और देशव्यापी तालाबंदी के कारण आम लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। हालांकि, केंद्र सरकार ने व्यापार और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, जिसके कारण बहुत सारी उम्मीदें जताई जा रही हैं। केंद्र सरकार ने इस पैकेज में विभिन्न क्षेत्रों के लिए राहत की घोषणा की है। इनमें बिजली क्षेत्र की कंपनियों के लिए 90 हजार करोड़ रुपए के अलग पैकेज की घोषणा की गई है। इससे न केवल कंपनियों को राहत मिलेगी, बल्कि बिजली के सामान्य उपभोक्ता को भी लाभ होगा।
घोषणा करने के अलावा, सरकार ने कहा कि इस पैकेज से बिजली कंपनियों को जो भी छूट दी जाएगी, उन्हें निश्चित शुल्क में रियायत के रूप में ग्राहकों को लाभ देना होगा। ऐसे में कंपनियों को राहत पाने के लिए बिजली बिल में शामिल किए जाने वाले फिक्स चार्ज को कम करना होगा। आम उपभोक्ताओं को इसका लाभ यह होगा कि उनकी बिजली बिल राशि कम हो जाएगी।
बता दें कि बिजली कंपनियों के बकाये का भुगतान करने के लिए सरकार 90 हजार करोड़ रुपये देगी। कंपनियों को यह राशि दो किस्तों में मिलेगी। केंद्र सरकार ने माना कि मौजूदा संकट में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए, बिजली वितरण कंपनियों को भी संकट से उबरना होगा क्योंकि यह एक बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
सरकार ने फैसला किया है कि बिजली वितरण कंपनियों को यह राशि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) के माध्यम से 2 बराबर किस्तों में मिलेगी। इसकी मदद से, वितरण कंपनियां बिजली और आपूर्ति कंपनियों को अपना बकाया भुगतान करने में सक्षम होंगी। पैकेज की स्थिति के अनुसार, बिजली उत्पादन और वितरण कंपनियों को छूट का लाभ मिलेगा जो उन्हें ग्राहकों को देना होगा।
बिजली वितरण कंपनियों को कई राज्यों से बकाया लेना पड़ता है क्योंकि सरकारें बिजली आपूर्ति के बदले समय पर पूरा भुगतान नहीं करती हैं। अब, कोरोना की वर्तमान स्थिति और बढ़ती गर्मी के कारण, बिजली की खपत भी बढ़ गई है, ऐसी स्थिति में कंपनियों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। बिजली उत्पादन कंपनियां भुगतान करने के लिए वितरण कंपनियों पर दबाव डाल रही हैं। ऐसे में अब इस स्थिति से राहत पैकेज के जरिए निपटा जा सकता है।