Coronavirus

दिल्ली में कोरोना का कहर 422 नए मामले सामने आए

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। लॉकडाउन के बावजूद इसका कहर थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है।

Sidhant Soni

न्यूज़- देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। लॉकडाउन के बावजूद इसका कहर थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में अबतक का सर्वाधिक इजाफा हुआ है। , जिसके बाद देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 90927 हो गई है, जिसमे 53946 एक्टिव मामले हैं, जबकि 34109 लोगों का इलाज करके उन्हें उनके घर भेज दिया गया है। वहीं कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बात करें तो अबतक कोरोना से कुल 2872 लोगों की मौत हो चुकी है।

राजधानी दिल्ली में भी इस रोग के मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं, दिल्ली सरकार के मुताबिक राज्य में कोरोना वायरस के कारण मौत का आंकड़ा 148 तक पहुंच गया है। यहां 422 नए मामले सामने आए हैं। इसको मिलाकर दिल्ली में कोरोना के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 9755 तक पहुंच गई है।

बता दें कि कोरोना वायरस के चलते देश में 25 मार्च से लॉकडाउन है, आज लॉकडाउन की तीसरा चरण खत्म हो रहा है, गृह मंत्रालय देशव्यापी लॉकडाउन के चौथे चरण की तैयारी कर रहा है, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को केंद्र की तरफ से इस सिलसिले में नए दिशानिर्देश जारी किए जा सकते हैं। इसी बीच ऐसे खबरें भी सामने आ रही हैं कि देश के 12 राज्यों के 30 जिलों में लॉकडाउन पहले की तरह सख्ती से जारी रहेगा, जबकि बाकि क्षेत्रों में ढील दी जा सकता है।

गाइडलाइन के मुताबिक निगरानी तंत्र को कोविड-19 मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना होगा, इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। इसमें स्वास्थ्य केन्द्रों, दवाखानों में स्वास्थ्यकर्मियों, एएनएम (मिडवाइफ), आशा कार्यकर्ताओं, आगंनवाड़ी कार्यकर्ताओं, निगमों के स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मचारी, सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवक और अन्य स्वयंसेवकों आदि की पहचान करना शामिल है। शहरी क्षेत्रों में महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 'इंसिडेंट कमांडर' की पहचान की जाएगी। जिसका काम प्‍लानिंग, ऑपरेशन, लॉजिस्टिक और फाइनेंस टीम को संभालना होगाा कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने पर काम करना होगा। इंसिडेंट कमांडर नगर आयुक्‍त को रिपोर्ट करेगा। शहरी इलाकों में एंबुलेंस की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित रहेगी और एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा। क्‍लिनिकल असिसमेंट और प्रभावी होम क्‍वारंटाइन के माध्‍यम से हाई रिस्‍क पॉपुलेशन का बचाव किया जा सकता है।

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