न्यूज़- पूरी दुनिया अभी भी कोरोना वायरस से जूझ रही है। हर किसी को कोरोना के वैक्सीन या दवा का इंतजार है। भारत में कोरोना संक्रमित केस दो लाख पार पहुंच गए हैं। दो माह के लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक-1 की भी शुरुआत हो चुकी है। इस बीच राजस्थान से अच्छी खबर है। यहां चिकित्सकों ने कोरोना वायरस से संक्रमित 42 मरीजों पर विशेष अध्ययन किया है, जिसके परिणाम अच्छे रहे हैं। सभी 42 कोरोना पॉजिटिव उस दवा विशेष से महज तीन से पांच दिन में पूरी ठीक होकर अपने घर लौट सके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजस्थान के जयपुर स्थित होम्योपैथी विश्वविद्यालय के चिकित्सकों डॉ. तारकेश्वर जैन, डॉ. कमलेन्द्र त्यागी, डॉ. विरेन्द्र चौहान, डॉ. वाणिजा गौतम, डॉ. शीना पाल की टीम ने एसएमएस अस्पताल और महिला चिकित्सालय में भर्ती कोरोना मरीजों पर अध्ययन करते होम्योपैथी दवा को कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में कारगर माना है।
होम्योपैथी विश्वविद्यालय जयपुर की टीम ने पहले दोनों अस्पतालों और टेलीमेडिसिन के जरिए 55 संक्रमितों से संवाद किया। फिर एसएमएस मेडिकल कॉलेज से अनुमति लेकर इनमें से 42 को होम्योपैथी दवा दी गई। बचाव के लिए संबंधित चिकित्सकों को भी होम्योपैथी दवा दी गई। विश्लेषण में पता चला कि 31 रोगियों में आर्सेनिक एल्बम दवा के लक्षण थे। हालांकि अधिकांश रोगी बिना किसी लक्षण के थे लेकिन उनमें मृत्यु का डर, बेचैनी, चिंता, अस्थिरता, कमजोरी, बार-बार प्यास लगना आदि आर्सेनिक एल्बम दवा के संकेतक थे।
दो रोगी आइसीयू के थे। इनमें भी ऑक्सीजन होने पर भी रात को सांस की तकलीफ बढ़ने, लेटने पर सीने में जकड़न, बेचैनी आदि आर्सेनिक दवा के लक्षण थे। शेष को लक्षण के आधार पर जेल्सेमियम, इगन्शिया, काली कार्ब, लाइको पोडियम, ब्रायोनिया, नक्स वोम, नेट्रम म्यूर, कोलीकुम, वेलाडोना, लेकेसिस आदि होम्योपैथिक दवा दी गई।
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी बताते हैं कि होम्योपैथी विवि के चिकित्सकों ने हैल्थ वॉरियर्स के साथ कोरोना संक्रमितों को दवा दी थी। सभी लोगों को दवा कारगर लगी। वहीं, होम्योपैथी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. तारकेश्वर जैन का कहना है कि कई मरीजों को सांस, खांसी-बुखार, कमजोरी सबंधी शिकायत थी। होम्योपैथिक दवाएं कारगर रहीं। होम्योपैथी विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ. गिरेन्द्र पाल की मानें तो कोरोना मरीजों के लिए आयुष विभाग ने दवाओं की अनुशंसा की है। नौ से 18 मई तक दी दवा से कई मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं।