न्यूज़- कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण भारी राजस्व घाटे से जूझ रही केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। केंद्र सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल में 10 रुपए और डीजल पर 13 रुपए उत्पाद शुल्क की बढ़ोतरी कर दी। एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी से सरकार 11 महीनों में सरकारी खजाने में 1.6 लाख करोड़ का अतिरिक्त राजस्व हासिल कर लेगी।
लॉकडाउन के कारण राजस्व में हुई भारी नुकसान की भरपाई के लिए यह कदम उठाया गया। आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में सरकार ने तेल की कीमतों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का फैसला किया। इस बढ़ोतरी से वर्तमान वित्तीय वर्ष में राजस्व में 1.6 लाख करोड़ की अतिरिक्त कमाई होगी, जिससे राजस्व पर पड़े बोझ को कुछ कम किया जा सकेगा। हालांकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में दूसरा मौका है जब सरकार ने उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है। इससे पहले सरकार ने मार्च में पेट्रोल-डीजल दोनों के उत्पाद शुल्क में 3 रुपए की बढ़ोतरी की है। हालांकि इस बार ये बढ़ोतरी ज्यादा की गई है।
मौजूदा समय में लॉकडाउन के कारण पेट्रोल-डीजल की खपत में भारी कमी आई है। आवाजाही बंद होने से ईंधन की खबर में गिरावट आई है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि लॉकडाउन की पाबंदी पूरी तरह हटने के बाद तेल की मांग और खपत में बढ़ोतरी होगी। ऐसे में सरकारी राजस्व को लाभ पहुंचेगा। आपको बता दें कि तेल की कुल कीमत में 70 फीसदी हिस्सा हम वैट और उत्पाद शुल्क के तौर पर लेते हैं। लगभग 18 रुपए के तेल पर 49 रुपए वैट और एक्साइज ड्यूटी टैक्स लगता है। एक नजर पेट्रोल की कीमत पर डाले तो इसे समझना आसान हो जाएगा। पेट्रोल की कीमत कच्चे तेल की आधार कीमत: 17.96 रुपए/ लीटर है, जिसपर ढुलाई चार्ज: 0.32 रुपए/लीटर, डीलर्स की कीमत: 18.28 रुपए/लीटर( बिना एक्साइज और VAT के), एक्साइज ड्यूटी चार्ज: 32.98 रुपए ,औसत डीलर कमिशन: 3.56 रुपए/लीटर ,डीलर कमिशन पर वैट: 16.44 रुपए लगता है। इस तरह 17.96 रुपए वाला तेल दिल्ली में 71.26 रुपए( 2.5% कस्टम ड्यूटी,2.98 रुपए/लीटर अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी और 10 रुपए अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी शामिल है।) पर पहुंच जाता है।