Coronavirus

भीलवाड़ा कोरोना की लड़ाई में कैसे बना देश का रोल मॉडल?

प्रशासन की वो बाते जिसके चलते हर तरफ भीलवाड़ा की तारीफ हुई।

savan meena

न्यूज – कोरोना वायरस की लड़ाई में राजस्थान का भीलवाड़ा पूरे देश में एक रोड मॉडल की तरह उभरा है आज पूरा देश भीलवाड़ा की तारीफ कर रहा है कोरोनावायरस की लड़ाई में जिस तरह से भीलवाड़ा ने लड़ाई लड़ी है उसकी जितनी तारीफ उतनी कम है।

मंगलवार को गहलोत सरकार ने बडा फैसला लेते हूए पूरे राजस्थान में भीलवाड़ा मॉडल लागू करने का फैसला किया। अशोक गहलोत ने क्या-क्या कहा, वो भी हम आपको सुनवाएंगें लेकिन उस पहले जानते है भीलवाड़ा के देश के रॉल मॉडल बनने की पूरी कहानी,

18 मार्च तक भीलवाड़ा में यहां कोरोना का एक भी मरीज नहीं था और 30 मार्च तक आते-आते 26 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया गया, जिले में पहला कोरोना मरीज मिलते ही तत्काल कर्फ्यू लगा दिया गया, पहले ही दिन जिले की सीमाएं सील करते हुए 14 एंट्री पॉइंट्स पर चेक पोस्ट बनाईं, ताकि कोई भी शहर से न बाहर जा सके और न अंदर आ सके।

रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह बंद किया गया। प्राइवेट गाड़ियों पर भी रोक लगा दी गई। उन इलाकों में जहां कोरोना से संक्रमित मरीज मिले वहां आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई। स्क्रीनिंग के लिए 2100 टीमें बनाई गईं। हर दिन हजारों की संख्या में लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। सर्वे पूरा होने के बाद फिर से सर्वे कराया गया, जो कोरोना चेन ब्रेक होने तक लगातार जारी रहेगा। इसमें 1215 लोग सर्दी-जुकाम से ग्रसित मिले।

भीलवाड़ा के करीब 28 लाख लोगों में से 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग करवा दी गई है। पिछले सर्वे में 6 हजार टीमें 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में हुई थी। पहले मरीज के संपर्क में आने वालों की सूची तैयार कर उनके घर पहरा लगाया गया। भीलवाड़ा में पिछले 10 दिनाें में 333 फीसदी की रफ्तार से संक्रमण फैला था लेकिन इसपर जल्द काबू पा लिया गया।

मरीजों के संपर्क में आने वाले 6000 लोगों को क्वारंटीन किया गया। होटलों में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई।

कर्फ्यू के दौरान राशन, फल, सब्जी की होम डिलीवरी की व्यवस्था की गई। जिले में 14 दिन के कर्फ्यू के बावजूद 11 दिन का महाकर्फ्यू भी लगाया।

गहलोत ने मंगलवार को घोषणा करते हूए कहा कि पूरे प्रदेश में भीलवाड़ा मॉडल अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान की आबादी लगभग 7.5 करोड़ है। हमने लगभग 5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग कर ली है; लगभग 15,000 टेस्ट कर लिए हैं; 1 लाख बेड चिन्हित किए हैं; डॉक्टर, नर्सेज के लिए ₹25 करोड़ का इंसेंटिव रखा है

सीएम ने कहा कि होम डिलीवरी की पूरी व्यवस्था की गई। हमने ₹2500 करोड़ का सोशल सिक्योरिटी पैकेज दिया है, जिससे 78 लाख लोगों को 2 महीने की पेंशन दे दी है। 33 लाख मजदूरों को चिन्हित किया है, जिनको ₹2500 दे दिए हैं ,रोगियों का उपचार कर रहे चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टॉफ को किसी तरह की परेशानी न आए। उन्हें सभी प्रकार के सुरक्षा उपकरण एवं अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

अशोक गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन को सफल बनाने में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है। वे इस दिशा में पुलिस, प्रशासन का सहयोग करें।  जिला प्रशासन क्वारेंटाइन की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करे। शहर के जिन इलाकों में रोगियों की संख्या बढ़ी है वहां ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दिया जाए।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के हॉट स्पॉट बन रहे क्षेत्रों पर विशेष फोकस करने तथा वहां जांच व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार