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दूल्हे को राजस्थान में नहीं दी एंट्री तो पत्नी ने उठाया यह कदम, जानिये

श्रीगंगानगर से खबर है कि एक दूल्हा बॉर्डर पर फंस गया। दूल्हे को एंट्री नहीं मिली। फिर दुल्हन ने जो प्रयास किया उसके बाद ही दोनों विवाह बंधन बंध सके।

Sidhant Soni

न्यूज़- कोरोना वायरस के चलते देशभर में 17 मई तक लॉकडाउन 3 घोषित है। लॉकडाउन में जहां अधिकांश शादियां टाल दी गई। वहीं, जो रही हैं वो भी बेहद सादगी से। इस बीच शादियों को लेकर कई अनूठे मामले भी सामने आ रहे हैं। कहीं पैदल तो कहीं मोटरसाइकिल पर दूल्हे शादी के लिए रवाना हुए हैं। अब राजस्थान के श्रीगंगानगर से खबर है कि एक दूल्हा बॉर्डर पर फंस गया। दूल्हे को एंट्री नहीं मिली। फिर दुल्हन ने जो प्रयास किया उसके बाद ही दोनों विवाह बंधन बंध सके।

दरअसल, पंजाब के मुक्तसर के मलोट निवासी युवक अक्षय कुमार की सात मई को श्रीगंगानगर की युवती सुनीता से शादी तय थी। दूल्हा सज-धजकर दुल्हनिया लाने के लिए घर से निकला। इधर, कोरोना संकट को देखते हुए राजस्थान ने अपनी सभी सीमाएं सील कर रखी हैं। दूसरे राज्यों के लोगों को प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया जा रहा।

ऐसे में गुरुवार सुबह दस बजे जब दुल्हा श्रीगंगानगर में राजस्थान-पंजाब बॉर्डर पर पहुंचा तो सीमा पर तैनात पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने उसे रोक लिया। अधिकारियों ने दूल्हे को श्रीगंगानगर में एंट्री देने से मना कर दिया। दूल्हा राजस्थान के बॉर्डर पर अफसरों को मनाता रहा। जब यह बात दुल्हन को पता चली तो वह अपने चाचा मांगेराम, प्रेम भाटिया के साथ सचिवालय में अनुमति लेने पहुंच गई।

इसके बाद दूल्हे के प्रवेश की राह आसान हुई। दाेपहर 3 बजे नायब तहसीलदार ने अफसरों से पूछकर दूल्हे की कार काे राजस्थान प्रवेश की अनुमति दी। पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनकी स्क्रीनिंग की। शाम सवा 5 बजे दूल्हा अपनी मां के साथ दुल्हन के घर पहुंचा। पाैने छह बजे घर की छत पर मंडप लगाकर फेराें की रस्म पूरी हुई और फिर दुल्हा-दुल्हन की विदाई की गई।

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