Coronavirus

कोरोना की वैक्सीन बनाने में जापान भी शामिल, किया ये दावा

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने एगिगन के शोध और तैयार करने के लिए $ 128 मिलियन सरकारी फंडिंग देते हुए शोधाकर्ताओं को बधाई दी हैं।

Sidhant Soni

न्यूज़- दुनिया भर में के वैज्ञानिक कोरोनावायास की दवा का बनाने में जुटे हैं इसी बीच जापान ने कोरोनावाररस के लिए दो दवा ढूढ़ निकाली हैं जिसके लिए दावा किया जा रहा हैं कि एविगन और कैमैस्‍टेट नामक एंटीवायर दवा कोरोना मरीजों के इलाज में बहुत कारगर हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने एगिगन के शोध और तैयार करने के लिए $ 128 मिलियन सरकारी फंडिंग देते हुए शोधाकर्ताओं को बधाई दी हैं।

यहां वैज्ञानिकों का दावा हैं जब तक कोरोना वाररस से बचाव के लिए वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती तब तक कोरोना मरीजों के इलाज में ये दो एविगन और कैमोस्टेट दवाओं से उपचार में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। मालूम हो कि इन दो दवाओं में कैमैस्‍टेट 33 साल पहले पैनक्रियाज संबंधी बीमारी के लिए ओसाका-ओनो फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा बनाई गई थी गर्वमेंट फंडिंग के बिना इस कंपनी के वैज्ञानिक अब कोरोना के इलाज के लिए इस दवा को लेकर शोध कर रहे हैं। वहीं एविगन, जिसे फ़ेवीपिरवीर के रूप में जाना जाता है, 1990 के दशक के अंत में एक कंपनी द्वारा विकसित की गई थी जिसे बाद में फुजीफिल्म द्वारा फोटो व्यवसायों से स्वास्थ्य सेवा में संक्रमण के इलाज के लिए खरीदा गया था । ये दवा इन्फ्लूएंजा जैसे कुछ आरएनए वायरस के प्रजनन तंत्र को शॉर्ट-सर्किट करके काम करती है।

जापान के इस दावें के बाद ये दो दवाईयां भी दुनिया भर में दर्जनों दवाइयों की रिसर्च रेस में शामिल हो गई जिन दवाओं को कोरोना वायरस के इलाज में कारगर बताया गया हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जैसे राजनेताओं द्वारा कुछ दवाओं के संभावित लाभों को बढ़ावा देने के बावजूद उपचार और टीके विकसित करने की दौड़ अभी भी व्यापक है। वैज्ञानिकों का दावा हैं कि एविगन को एक गोली के रूप में लिया जा सकता है, जो इसे अमेरिका की गिलियड कंपनी की रीमेडिसवीर दवा की तुलना में अधिक सुलभ बना देगा।

गौरतलब है कि जापान ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए गिलीड साइंसेज कंपनी की रेमडेसिवीर को दवा को मंजूरी दे दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह देश में बीमारी के लिए आधिकारिक तौर पर अधिकृत दवा है। लेकिन जापान का मानना हैं कि इस दवा को कोरोना के इलाज में कारगर घोषित करने को लेकर अमेरिका ने जल्‍दबाजी कर दी । इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्‍द होने का दावा किया गया लेकिन वास्‍तव में इतनी प्रभावी नहीं हैं

वहीं एविगन दवा जिसे जापान ने कोरोना के लिए कारगर बताया जा रहा उसके लिए मार्च में ही एक चीनी अधिकारी ने कहा था कि एवगिन कोरोनावायरस के कारण होने वाले फ्लू जैसे संक्रमण से मरीजों को ठीक होने में मदद करता है। यह अब कम से कम 14 नैदानिक ​​परीक्षणों का विषय है। जापान के पीएम अबे ने इस महीने के अंत तक एविगन को उपयोग के लिए मंजूरी देने का आह्वान किया है ताकि जल्‍द से जल्‍द इससे मरीजों का इलाज शुरु हो सकें। आबे के प्रशासन ने कुछ 43 देशों के साथ औपचारिक अनुरोध करते हुए, दवा की मुफ्त आपूर्ति देने का वादा किया है।

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