न्यूज़- केरल के उत्तरी भाग में स्थित कारसगोड जिला एक समय में कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट हुआ करता था। पूरे राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या का 35 से 40 प्रतिशत सिर्फ कारसगोड से रिपोर्ट किए गए थे। अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अधिकारियों ने दावा किया है कि कासरगोड का आखिरी पॉजिटिव मरीज भी अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर जा चुका है।
कासरगोड में कोरोना संक्रमण की देखरेख के लिए तैनात डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर एटी मनोज ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की। उन्होंने बताया कि हमने सफलतापूर्वक पहला चरण पूरा कर लिया है। हमने सबसे पहले कासरगोड में सभी पॉजिटिव केस ट्रैक किए। एक भी ऐसा केस नहीं था जो हमारी जानकारी में नहीं था। कड़े सर्विलांस की वजह से हम कोरोना संक्रमण को उन परिवारों में रोकने में सफल रहे, जिनके किसी सदस्य ने विदेश की यात्रा की थी।'
उन्होंने आगे कहा कि अब हम दूसरे चरण के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अब हम उन लोगों पर नजर रखे हुए हैं जो देश के किसी भी हॉट स्पॉट से यहां लौट रहे हैं।' जिले के अधिकारियों ने कहा कि ये सही रणनीति और लॉकडाउन में क्वारंटीन प्रोटोकॉल का ठीक से पालन करने की वजह से मुमकिन हो सका है। लोकल हॉटस्पॉट इलाके को पूरी तरह से सील करने से लेकर घर-घर सर्वे को भी अधिकारी इस नतीजे की वजह मानते हैं।
आपको बता दें कि कासरगोड में वुहान से एक शख्स के लौटने के बाद पहला मामला 3 फरवरी को रिपोर्ट हुआ था। और जब 24 मार्च को देशभर में लॉकडाउन हुआ तब तक भी वहां छह मामले ही थे। लेकिन इसके बाद संक्रमण का दूसरा चरण आया और ताबड़तोड़ मामले रिपोर्ट होने लगे। इसलिए शुरुआत में ही कासरगोड के जिलाधिकारी ने किसी भी ऐसे शख्स के पब्लिक फंक्शन में जाने पर रोक लगा दी थी जो 20 फरवरी के बाद बाहर से कासरगोड आया हो।