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महाराष्ट्र सरकार स्थिर और मजबूत,पूरा करेगी 5 साल का कार्यकाल,NCP

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से सियासी हलचल काफी तेज है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश की महाअघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार के सभी सहयोगी दलों के साथ बुधवार को बैठक की

Sidhant Soni

न्यूज़- महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से सियासी हलचल काफी तेज है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश की महाअघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार के सभी सहयोगी दलों के साथ बुधवार को बैठक की। बैठक के बाद आज एनसीपी के नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री नवाब मलिक का बड़ा बयान सामने आया है, उन्होंने कहा कि कहा कि महाअघाड़ी सरकार ने अपने कार्यकाल के छह महीने पूरे कर लिए हैं, यह सरकार पूरी तरह से स्थिर और मजबूत है, निश्चित तौर पर प्रदेश की सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

बता दें कि शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर पिछले वर्ष 28 नवंबर को शपथ ली थी। उनके साथ छह और नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी। एनसीपी, शिवसेना व कांग्रेस से 2-2 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। जिसका बाद मंत्रीमंडल का विस्तार किया गया था। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार की स्थिरता को लेकर सवाल खड़ा किया था। भाजपा का दावा था कि तीनों ही दल विचारधारा के रूप से अलग हैं और इनमे वैचारिक मतभेद है, यही नहीं कुछ भाजपा नेताओं का कहना था कि यह सरकार कुछ ही दिन चलेगी।

नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा लगातार बात करती रहती है कि सरकार स्थिर नहीं है, लेकिन यह सरकार सिर्फ आपकी बातों से नहीं गिरेगी। भाजपा सांसद नारायण राणे ने पिछले हफ्ते प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी और मांग की थी कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए क्योंकि प्रदेश की उद्धव ठाकरे सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में विफल रही है। नवाब मलिक का कहना है कि यह सरकार मिनिमन कॉमन एजेंडा पर चल रही है और इसमे सभी तीनों दल शामिल हैं और ये उस एजेंडा पर काम कर रहे हैं। सरकार कोरोना के खिलाफ डटकर लड़ रही है और हम इसपर जरूर जीत दर्ज करेंगे, साथ ही सरकार के कार्यकाल को भी पूरा करेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में शिवसेना के खाते में 56 सीटें हैं, एनसीपी के पास 54 व कांग्रेस के पास 44। भाजपा से अलग होने के बाद शिवसेना ने दोनों दलों के साथ प्रदेश में सरकार का गठन किया था।

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