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मौसम विभाग: देश के इन 5 राज्यों में भारी बारिश के आसार

हालांकि इस भीषण गर्मी के बीच भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी करते हुए बताया कि शनिवार-रविवार से उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में एक बार फिर से भारी बारिश और तेज हवाओं का दौर शुरू होगा

Sidhant Soni

न्यूज़- कोरोना वायरस की महामारी के बीच इस समय उत्तर भारत भीषण गर्मी से जूझ रहा है। दिल्ली और यूपी समेत कई राज्यों में अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। हालांकि इस भीषण गर्मी के बीच भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी करते हुए बताया कि शनिवार-रविवार से उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में एक बार फिर से भारी बारिश और तेज हवाओं का दौर शुरू होगा, जो अगले हफ्ते की शुरुआत तक जारी रहेगा। भारी बारिश की आशंका के चलते मौसम विभाग ने देश के पांच राज्यों में तीन दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

'द वेदर चैनल' भारतीय मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि 9 मई यानी शनिवार से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम को प्रभावित करेगा। इस पश्चिमी विक्षोभ और निचले स्तर की पूर्वी हवाओं के मिलेजुले असर के चलते पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और पश्चिमोत्तर मैदानी इलाकों में 9 से 12 मई के बीच तेज बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने के आसार हैं। बारिश के अलावा इन इलाकों में बिजली कड़कने, ओले गिरने और तेज हवाओं के चलने की भी आशंका जताई गई है।

जिन पांच राज्यों के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, वो हैं- पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और जम्मू कश्मीर। ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि खराब मौसम की आशंको को देखते हुए लोग विशेष एहतियात बरतें। इसके साथ ही रविवार को राजस्थान के कई इलाकों में धूल भरी आंधी चलने की आशंका जताई गई है।

मौसम विभाग ने अपनी चेतावनी में कहा है कि इन पाचों राज्यों में मंगलवार तक मौसम बिगड़ने का सिलसिला जारी रहेगा। लेकिन, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बुधवार को भी बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ेंगे। गौरतलब है कि इस हफ्ते देश के लगभग आधे उत्तरी हिस्से में मौसम की स्थिति ऐसी ही रही है, जिसने किसानों को विशेष तौर पर नुकसान पहुंचाया है। हालांकि इस दौरान अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही बना रहा।

आपको बता दें कि भारतीय मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है। हालांकि जून के महीने में सामान्य से कम बारिश होने के आसार जताए गए हैं। वहीं, जुलाई का महीना भी लगभग सूखा गुजरने वाला है। इसके बाद अगस्त और सिंतबर के महीने में झमाझम बारिश की उम्मीद की गई है। मौसम विभाग ने इस बार बारिश के पैटर्न और उसमें बदलाव की प्रक्रिया के कारण मानसून के आने और जाने में होती रही देरी को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में 'मानसून की शुरुआत और वापसी' की तारीखों को संशोधित भी किया है।

हालांकि मौसम विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि भारत में मानसून के पहुंचने के मुख्य समय यानी केरल में इसके दस्तक देने के समय में कोई बदलाव नहीं होगा। उदाहरण के तौर पर, जालंधर जैसे शहरों में मानसून की शुरुआत की तारीख 13 जुलाई थी, लेकिन आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर अब यहां मानसून पहुंचने की तारीख बदलकर 28 जून की गई है। इससे इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि इस साल देश के एक बड़े हिस्से में मानसून समय से पहले पहुंच जाएगा।

मौसम विभाग ने बताया, 'हमारे विश्लेषण के मुताबिक, मध्य और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में, मानसून के पहुंचने में 3 से 7 दिन की देरी होगी, लेकिन ठीक उसी समय मानसून राजस्थान के क्षेत्रों में पहले की अपेक्षा जल्दी सक्रिय हो जाएगा। इससे भी जरूरी बात यह है कि इस साल मानसून पूरे देश में एक हफ्ते पहले सक्रिय हो रहा है। मानसूनी बारिश सामान्य रूप से 14 जुलाई तक देश के पूरे हिस्से को कवर कर लेती है। लेकिन, इस बार यह सात दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर रही है।'

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