न्यूज़- आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम से करीब 30 किमी दूर वेंकटपुरम गांव में गुरुवार को एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री के केमिकल प्लांट में हुए गैस रिसाव से एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इसी बीच शुक्रवार को एनजीटी ने एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही एनजीटी ने पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एनजीटी शुक्रवार को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एलजी पॉलिमर्स, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही वायजेक गैस लीक मामले की जांच के लिए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति गठित की है।
इसके साथ ही एनजीटी ने विशाखापट्टनम में गैस लीक की वजह से हुए नुकसान के एवज में एलजी पॉलिमर को 50 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि विशाखापत्तनम के जिला मजिस्ट्रेट के पास जमा करने का निर्देश दिया है। उधर, गैस के असर को कम करने के लिए गुजरात से केमिकल पैरा टर्शरी ब्यूटाइल केटकॉल (पीटीबीसी) मंगाया गया है। देर रात एयर इंडिया का एक कार्गो प्लेन इसे लेकर विशाखापट्टनम पहुंचा।
पीटीबीसी गुजरात के वापी और वलसाड जिले में बनता है। जब इसका हवा में छिड़काव किया जाता है, तो यह किसी भी तरह की गैस के असर को कम कर देता है। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के हुए गैस लीक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। हादसे का कारण पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने जांच का आदेश दिया है। इसके अलावा मृतकों के परिवार वालों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।