डेस्क न्यूज़ – स्पाइसजेट एयरलाइंस की कार्गो शाखा स्पाइस एक्सप्रेस ड्रोन के जरिए सामान पहुंचाएगी। स्पाइसजेट को ड्रोन से सामानों की डिलीवरी का परीक्षण करने की औपचारिक मंजूरी मिल गई है। यदि परीक्षण सफल होता है, तो जल्द ही ड्रोन आपके घर तक आवश्यक सामान भी पहुंचा सकता है।
कंपनी ने इस परियोजना के बारे में बताया कि परीक्षण की मंजूरी के बाद, अब एयरलाइन कंपनी सबसे पहले ड्रोन का उपयोग दूरदराज के क्षेत्रों में दवाइयां और अन्य आवश्यक सामान पहुंचाने के लिए करेगी। यह परीक्षण कंपनी के विशेषज्ञों की देखरेख में किया जाएगा ताकि कोई गलती न हो। कंपनी इस परीक्षण को सफल बनाने की कोशिश कर रही है और आने वाले समय में यह ड्रोन द्वारा सभी आवश्यक वस्तुओं को उस स्थान तक पहुंचा सकती है। आपको बता दें कि DGCA ने इस ट्रायल की अनुमति दे दी है।
कोरोना के कारण बनीं स्थिति
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के जोखिम को देखते हुए, अब ऐसे साधनों पर विचार करना आवश्यक है। इससे बीमारी के प्रसार को रोका जा सकेगा। कोरोना वायरस के कारण होने वाली स्थिति प्रमुख कारण है कि सरकार ने पहली बार ड्रोन की मदद से माल पहुंचाने वाली परियोजना के परीक्षण को मंजूरी दी है।
ऐसा था प्रस्ताव
स्पाइसजेट कंपनी ने कहा कि उसकी मालवाहक शाखा, स्पाइस एक्सप्रेस ने DGCA को प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव के बाद सुरक्षा के सभी पहलुओं का आकलन करने के बाद, DGCA ने स्पाइस एक्सप्रेस को परीक्षण करने की अनुमति दी। यदि परीक्षण सफल होता है, तो स्पाइसएक्सप्रेस ड्रोन के माध्यम से चिकित्सा, फ़ॉर्म, ई–कॉमर्स उत्पादों और आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी करने वाली देश की पहली कंपनी होगी। इससे ग्राहक इन सामानों को तुरंत और कम कीमत में पा सकेंगे।
नई तकनीक वाला ड्रोन होगा
स्पाइसजेट के अध्यक्ष अजय सिंह के अनुसार, परियोजना में नवीनतम तकनीक का ध्यान रखा गया है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए बेहतर अंतिम मील कनेक्टिविटी तकनीक को अपनाया है ताकि लोग अपने सामान को सुरक्षित और सुरक्षित तरीके से प्राप्त कर सकें। अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो देश में लोगों के घरों में विभिन्न उत्पादों को लाने के लिए एक बड़ा बदलाव होगा।
ये वस्तुएं रहेंगी प्राथमिकता पर
कंपनी ने कहा कि वर्तमान में, चिकित्सा उपकरण, दवाएं और अन्य आवश्यक वस्तुएं ड्रोन के माध्यम से तुरंत वितरित की गई वस्तुओं के अलावा शामिल होंगी। दरअसल, यह पूरी कवायद कोरोना वायरस के संक्रमण, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को देखते हुए की जा रही है।