<div class="paragraphs"><p>ओमीक्रॉन : हो जाएं सतर्क, वरना बिगड़ सकते है हालात, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने जारी किए आदेश</p></div>

ओमीक्रॉन : हो जाएं सतर्क, वरना बिगड़ सकते है हालात, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने जारी किए आदेश

 

Image By : REUTERS

Coronavirus

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण बोले‚ओमीक्रॉन को लेकर हो जाएं सतर्क, बिगड़ सकते हैं हालात

Ishika Jain

दुनियाभर में ओमीक्रॉन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हर रोज नए संक्रमण सामने आ रहे हैं। भारत की बात करें, तो देश में अब तक 14 राज्य कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन की चपेट में आ चुके हैं।

देश में ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार गंभीर हो गई है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को पत्र लिखा है। केंद्र सरकार ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है,

लिहाजा राज्य त्वरित फैसला लेते हुए रात्रि कर्फ्यू और कंटेनमेंट जोन बनाने जैसे जरूरी उपायों के लिए अलर्ट रहें।

जयपुर में मिले 4 ओमीक्रॉन के मरीज
जयपुर में आज यानि बुधवार को ओमीक्रॉन वैरिएंट के 4 ओर नए मरीज मिले है। बता दें कि, जवाहर नगर निवासी पति - पत्नी ओमीक्रॉन संक्रमित पाएगया है। साथ ही, प्रताप नगर निवासी 62 वर्षीय बुजुर्ग में भी ओमीक्रॉन के लक्षण पाए गए है। चिकित्सा मंत्री प्रसादी लाल मीणा ने कहा कि, प्रताप नगर निवासी बुजुर्ग की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। वहीं, जयपुर निवासी एक मरीज दिल्ली में भर्ती है। प्रसादी लाला मीणा ने कहा कि, ओमीक्रॉन को लेकर राज्य सतर्क है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को लिखा पत्र

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है कि ओमिक्रॉन वायरस तेजी से फैलने में सक्षम है।

इसलिए इसकी रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। इसके साथ पत्र में, रात्रि कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने, शादियों और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या सीमित करने की बात कही गई है।

इसके अलावा केंद्र ने राज्यों से वॉर रूम बनाने, कंटेनमेंट जोन तय करने और ओमीक्रॉन से बचाव के लिए मामलों की समीक्षा करने को कहा है।

देश में अब तक 220 मामले

आपको बता दें कि ओमिक्रॉन अब तक देश में जम्मू-कश्मीर सहित 14 राज्यों में फैल चुका है। देश में अब तक 220 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

भारत में ओमीक्रॉन के सबसे ज्यादा मामले मुंबई में देखे गए हैं। दिल्ली के भी हालात खराब हैं।

इसके अलावा गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में भी ओमीक्रॉन के मामले सामने आए हैं।

राजेश भूषण (स्वास्थ्य मंत्रालय) 

सतर्कता बरतने का सही समय अब...

स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि, पिछले एक सप्ताह में पॉजिटिविटी दर 10 फीसदी या इससे अधिक है। अस्पतालों के ऑक्सीजन युक्त और आईसीयू यूनिट के 40 फीसदी बेड कोरोना मरीजों से भर चुके है, ऐसे में यह वक्त सभी तरह की बंदिशों को लगाने का समय है।

जो हालत देश के बन रहे है, वे काफी चिंताजनक है। ऐसे में सभी राज्य सरकारों को कोई भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

भूषण ने कहा कि, जिला स्तर पर कोरोना के बढ़ते मामलों की निगरानी की जानी चाहिए। भौगोलिक स्तर पर क्या स्थिति बन रही है, इसका आकलन किया जाना चाहिए।

स्थानीय प्रसाशन अपने स्तर पर अस्पतालों की व्यवस्था पहले ही जांच परख लें। अगर संक्रमण स्थानीय पर काबू कर लिया जाएगा, तो इसे बड़े पैमाने पर फैलने से रोक जा सकता है।

भारत में प्रसार को लेकर अभी स्पष्ट प्रमाण नहीं - इन्साकॉग

इंडियन सार्स-कोवी-2 जिनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकॉग) के अनुसार, ओमीक्रॉन स्वरूप की प्रसार क्षमता के बारे में अब तक कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण स्पष्ट नहीं है।

इसलिए ओमीक्रॉन के वैश्विक स्तर पर तेज़ी से फैलना चिंताजनक विषय है। इन्साकॉग के मुताबिक, वैक्सीन की एक या दोनों डोज़ ले चुके लोगों पर ओमीक्रॉन का असर अब तक स्पष्ट नहीं है।

बता दें कि, ओमीक्रॉन की संक्रामकता के बारे में अभी तक बहुत अधिक और स्पष्ट जानकारी नहीं है। फिलहाल ओमीक्रॉन वैरिएंट पर अधिक वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है।

इसके आधार पर ही तय किया जा सकेगा की आगे की निति क्या होगी। इन्साकॉग का कहना है कि जब तक वैज्ञानिक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाते है, तब तक लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए।

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