न्यूज़- देश में कोरोना महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। इस दौरान देश में कई जगहों पर तालाबंदी उल्लंघन की खबरें आ रही हैं। कुछ जगहों पर पुलिस द्वारा लोगों को पीटे जाने की घटनाएं होती हैं। इस बीच, कर्नाटक के बेंगलुरु में पूर्वोत्तर में रहने वाले दो युवकों के साथ पुलिस की पिटाई की घटना प्रकाश में आई है। दोनों युवक दवाई और राशन लेने के लिए बाइक पर निकले थे। युवकों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें 15 घंटे तक पीटा।
बेंगलुरु मिरर के मुताबिक, एक बिज़नेस मैगज़ीन में एक रिपोर्टर सम्राट प्रधान और उनके चचेरे भाई अमित, जो बैंगलोर के फ़ेसम होटल में काम करते हैं, सोमवार शाम घर से कुछ जरूरी सामान लेने के लिए निकले थे। फिर उसे ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर कुछ पुलिसकर्मियों ने रोका। फिर वाहन का पास दिखाने को कहा। जब पुरुषों ने कहा कि उनके पास पास नहीं है और उन्होंने नहीं सोचा कि उन्हें आवश्यक सामान खरीदने के लिए पास की आवश्यकता है।
जब प्रधान के चचेरे भाई ने पुलिस को बताया कि, इधर-उधर से जाने वाले कई मोटर चालकों के पास नहीं था। इसके बाद पुलिस ने उसके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। अमित ने कहा कि वहां मौजूद कुछ लोगों ने भी पुलिसकर्मियों का समर्थन किया। पुलिस फिर दोनों को हन्नूर पुलिस स्टेशन ले गई। जहां उन्होंने उसके साथ 15 घंटे तक मारपीट की। पीड़ित युवकों ने कहा कि उन्होंने गली में उनके साथ मारपीट का वीडियो भी बनाया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें मारपीट कर उनसे वीडियो हटवा दिया।
सम्राट प्रधान दार्जिलिंग के रहने वाले हैं और लगभग एक साल से बेंगलुरु में हैं। उनके चचेरे भाई, 25 वर्षीय अमित कर, नागालैंड से हैं और दो साल से एक प्रतिष्ठित होटल में काम कर रहे हैं। अमित कर को आंख में संक्रमण हो गया था। जिसकी वह दवा लेने निकले थे। युवकों का आरोप है कि, वहां मौजूद लोग उन्हें कोरोनावायरस कहकर संबोधित कर रहे थे। वहीं पुलिसकर्मी कन्नड में गाली देकर उनके साथ मारपीट कर रहे थे। इसके बाद पुलिसवालों ने उन्हें थाने में ले जाकर 15 घंटों तक पीटा। हालांकि पुलिस इन आरोपों से इंकार कर रही है।